Faridabad NCR
जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के छात्रों ने राष्ट्रीय पर्यावरण युवा संसद में भाग लिया
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 14 फरवरी। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के विद्यार्थियों ने राष्ट्रसंत तुकादोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय, (आरटीएमएनयू), नागपुर में स्टूडेंट फॉर डेवलपमेंट (एसएफडी) और पर्यावरण संरक्षण गतिविधि (पीएसजी) संगठनों द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पर्यावरण युवा संसद-2024 में भाग लिया। इस आयोजन का उद्देश्य युवाओं में ‘पर्यावरण चेतना – पर्यावरण और स्थिरता’ को विकसित करना था।
वसुंधरा इको-क्लब और विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग के तत्वावधान में छात्रों की पांच सदस्यीय टीम ने संसद में भाग लिया। कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने युवा संसद में हिस्सा लेने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों को परस्पर सीखने का अवसर प्रदान करते है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और इससे जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे आज युवाओं सहित पूरे देश के लिए चिंता का विषय हैं और इसमें युवाओं के लिए काम करने की अपार संभावनाएं हैं।
पर्यावरण विज्ञान विभाग की अध्यक्ष एवं पर्यावरण नोडल अधिकारी डॉ. रेणुका गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेना विद्यार्थियों के लिए गौरव की बात है। संसद में हिस्सा लेने वाले छात्रों में एमबीए के आदर्श, नीतू और शिखा, बीटेक (कंप्यूटर इंजीनियरिंग) की वंशिका अग्रवाल और बी.टेक (सिविल इंजीनियरिंग) की अलका शामिल हैं। युवा संसद में छात्रों ने कैबिनेट मंत्री, उपाध्यक्ष और संसद सदस्यों की भूमिका निभाई। यह कार्यक्रम नागपुर के विधानसभा भवन में दो सत्रों में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के समापन समारोह में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री श्री नितिन गडकरी मुख्य अतिथि रहे। इस कार्यक्रम में भारत के विभिन्न राज्यों से कुल 150 छात्रों ने भाग लिया।
डॉ. रेणुका गुप्ता ने कहा कि कुलपति प्रो. तोमर के मार्गदर्शन में जे.सी. बोस विश्वविद्यालय पर्यावरण संबंधी मुद्दों और प्रकृति के संरक्षण के प्रति समाज में जागरूकता लाने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि इन छात्रों का चयन क्षेत्रीय स्तर की प्रतियोगिता से किया गया था जिसमें हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विश्वविद्यालयों के छात्रों ने भाग लिया था और 20 छात्रों को राष्ट्रीय चरण के लिए चुना गया था। इससे पहले विश्वविद्यालय चरण का आयोजन भी विश्वविद्यालय में वसुंधरा इको-क्लब और पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा किया गया था।