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जगदगुरु स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने भक्तों को बताया शिवरात्रि एवं श्रावण का महत्व

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : आज श्रावण शिवरात्रि के अवसर पर श्री सिद्धदाता आश्रम स्थित श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में सैकड़ों की संख्या में कांवडिय़ों ने पहुंचकर भगवान शिव का अभिषेक किया। इस अवसर पर जगदगुरु स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने कहा कि भगवान शिव का नाम मुक्ति अर्थात् मोक्ष के साथ जोड़ा जाता है लेकिन वास्तव में हमें भुक्ति एवं मुक्ति दोनों प्रदान करते हैं।

श्री गुरु महाराज ने कहा कि भगवान शंकर अपने भक्त पर सहज ही प्रसन्न हो जाते हैं और उसे इस भौतिक जीवन में आवश्यक सभी वस्तुएं प्रदान करते हैं। शिव के भक्त इसी जीवन में भौतिकवाद और अध्यात्मिकवाद को साधते हुए जीवन जीते हैं। उन्होंने बताया कि शिव अपने परिवार के साथ कैलाश पर निवास करते हैं जिससे वह हमें परिवार के भरण पोषण का संदेश देते हैं। इसका अर्थ है कि वह हमें अनेक मानवीय गुणों प्रेमदयाआदर्श आदि का संदेश देते हैं।

स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य ने बताया कि श्रावण मास में हरिद्वार आदि स्थानों से पवित्र गंगाजल लाकर भगवान का अभिषेक करने के पीछे पुराणों में कथाएं हैं लेकिन आज के युग में भी आप देखें तो पाएंगे कि इस मौसम में कांवड़ लाने के लिए किए जाने वाले प्रयोजन भक्त के अंदर एक शक्ति का संचार करता है जिससे वह जीवन में प्रगति की ओर अग्रसर होता है।

श्री गुरु महाराज ने भगवान शिव के मूर्त रूप का पंचामृत अभिषेक किया। जिसे बाद में सभी को प्रसाद रूप में वितरित किया गया। इस अवसर पर अनेक जगहों से आए सैकड़ों कांवडिय़ों एवं दर्जन भर डाक कांवड़ के साथ आए कांवडियों एवं हजारों की संख्या में अन्य भक्तों ने भगवान शिव का अभिषेक किया। सभी ने श्री गुरु महाराज से प्रसाद एवं आशीर्वाद प्राप्त किया।

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