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जे.सी. बोस विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक कैलेंडर तथा परीक्षाओं पर निर्णय लेने के लिए कमेटी गठित की

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 4 मई कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में शैक्षणिक कैलेंडर तथा परीक्षा प्रक्रिया में आवश्यक बदलावों को लेकर निर्णय लेने के लिए जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी शैक्षणिक कैलेंडर तथा परीक्षाओं से संबंधित विद्यार्थियों के मामलों पर तेजी से निर्णय लेने के लिए कोविड-19 सेल केे रूप में भी कार्य करेगी। प्रत्येक विश्वविद्यालय में कोविड-19 सेल गठित करने की अनुशंसा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में की गई है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने बताया कि इस 10 सदस्यीय कमेटी में सभी संकायों के डीन के साथ-साथ डीन अकादमिक मामले, डीन विद्यार्थी कल्याण, परीक्षा नियंत्रक तथा कुलसचिव को शामिल किया गया है। यह कमेटी कोरोना वायरस महामारी के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर यूजीसी द्वारा विश्वविद्यालयों के लिए परीक्षा प्रक्रिया तथा शैक्षणिक कैलेंडर निर्धारित करने के संबंध में जारी दिशानिर्देशों की समीक्षा करेगी और एक सप्ताह की अवधि के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।
कुलपति ने कहा कि कोरोना महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यूजीसी ने अपने दिशानिर्देशों में विश्वविद्यालयों को निर्णय लेने की स्वतंत्रता दी है। तदानुसार, विश्वविद्यालय ने यूजीसी दिशानिर्देशों की विस्तार से समीक्षा करने के लिए कमेटी का गठन किया है। कमेटी शैक्षणिक कार्यक्रम और परीक्षा प्रक्रिया में उपयुक्त समायोजन एवं बदलावों को लेकर अनुशंसा रिपोर्ट देगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय व संबद्ध कॉलेजों के लिए शैक्षणिक कैलेंडर तथा परीक्षाओं के आयोजन का निर्णय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर लिया जायेगा।
कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षण को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा कई अहम कदम उठाये है, जिसमें विद्यार्थियों को घर से ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने की सुविधा देने के लिए डिजिटल लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (डीएलएमएस), ई-लाइब्रेरी पोर्टल और मोबाइल ऐप की शुरूआत शामिल हैं। इसके अलावा, विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों के मोबाइल इंटरनेट डाटा-पैक शुल्क की प्रतिपूर्ति करने का निर्णय भी लिया है ताकि विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई करने तथा ई-संसाधनों का लाभ उठाने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।

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