Faridabad NCR
जे.सी. बोस विश्वविद्यालय ने नॉर्वे की आर्कटिक युनिवर्सिटी से किया समझौता
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 26 अगस्त। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालयों के साथ अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने आज नॉर्वे की आर्कटिक युनिवर्सिटी (यूआईटी) के साथ एक समझौता पर हस्ताक्षर किए।
जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग तथा नॉर्वे की आर्कटिक युनिवर्सिटी (यूआईटी) के इंजीनियरिंग विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बीच परस्पर अकादमिक और वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समझौता पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
ऑनलाइन आयोजित एक कार्यक्रम में आर्कटिक युनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के डीन प्रो. ब्योर्न सोलवांग और जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के अकादमिक मामलों के डीन प्रो. विकास तुर्क ने समझौते का आदान-प्रदान किया। इस अवसर पर आर्कटिक युनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. एरिल्ड स्टीन एवं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ पवन शर्मा, और जे.सी. बोस विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की अध्यक्ष प्रो. नीलम तुर्क, प्रो. प्रदीप डिमरी तथा अंतरराष्ट्रीय मामलों की निदेशक डॉ. शिल्पा सेठी भी मौजूद थीं।
इस अवसर पर बोलते हुए प्रो. विकास तुर्क ने आशा जताई कि समझौते से परस्पर अकादमिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। प्रो. नीलम तुर्क ने दोनों विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग को सुगम बनाने के लिए विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल अफेयर्स सेल के प्रयासों की सराहना की।
इस संबंध में जानकारी देते हुए डॉ. शिल्पा सेठी ने कहा कि यह अकादमिक सहयोग कुलपति प्रो. दिनेश कुमार के निरंतर प्रोत्साहन और सहयोग का परिणाम है, जिसका उद्देश्य अंतराष्ट्रीय स्तर पर अकादमिक सहभागिता तथा सहयोगात्मक अनुसंधान परियोजनाओं को बढ़ावा देना है। दोनों संस्थान विशेषज्ञ व्याख्यान और कार्यशालाओं की सह-मेजबानी के माध्यम से विशेषज्ञता का आदान-प्रदान भी करेंगे।
इससे पहले डॉ. सेठी ने अतिथियों का स्वागत किया और समझौते के प्रावधानों पर चर्चा की। उन्होंने समझौते में योगदान देने के लिए आर्कटिक युनिवर्सिटी से डॉ. पवन शर्मा और विश्वविद्यालय से उप कुलसचिव मनीष गुप्ता के प्रयासों की सराहना की।
प्रो. प्रदीप डिमरी ने इस समझौता में निहित संयुक्त गतिविधियों को क्रियान्वित करने में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग की ओर से सहयोग का आश्वासन दिया। कार्यक्रम के अंत में उप निदेशक डॉ. राजीव साहा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन इंटरनेशनल अफेयर्स सेल की समन्वयक डॉ सपना तनेजा द्वारा किया गया। इस अवसर पर इंटरनेशनल अफेयर्स सेल की समन्वयक डॉ. ममता कथूरिया तथा इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के अन्य संकाय सदस्य भी उपस्थित थे।