Faridabad NCR
जे.सी. बोस विश्वविद्यालय ने जारी की एनईपी-2020 के अनुरूप माइनर डिग्री सूचना पुस्तिका
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 18 जुलाई। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी-2020) के अनुरूप माइनर डिग्री प्रोग्राम शुरू करके शैक्षिक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसी कड़ी में हरियाणा के उच्च शिक्षा मंत्री श्री मूलचंद शर्मा और अतिरिक्त मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा, श्री आनंद मोहन शरण ने माइनर डिग्री पाठ्यक्रम पर प्रकाशित सूचना पुस्तिका का विमोचन किया।
इस कार्यक्रम में कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर, कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार गर्ग, डीन (संस्थान) प्रो. संदीप ग्रोवर, डीन (शैक्षणिक मामले) प्रो. आशुतोष दीक्षित, विश्वविद्यालय के संकायाध्यक्ष तथा विभागाध्यक्षों सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। कुलपति प्रो. तोमर ने उच्च शिक्षा मंत्री को विश्वविद्यालय की नई पहल के बारे में जानकारी दी। उन्होेंने बताया कि माइनर डिग्री पाठ्यक्रम में 22 उभरते क्षेत्र शामिल किये गये हैं। इससे छात्रों को मुख्य डिग्री के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के वैकल्पिक पाठ्यक्रमों में से अपनी रूचि के पाठ्यक्रम के चयन का विकल्प मिलेगा।
डीन (शैक्षणिक मामले) प्रो. आशुतोष दीक्षित ने बताया कि सूचना पुस्तिका छात्रों के लिए एक व्यापक मार्गदर्शिका है जो पाठ्यक्रम की संरचना, उपलब्ध पाठ्यक्रमों और माइनर डिग्री के अवसरों के बारे में जानकारी प्रदान करती है। इस पहल के साथ जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का लक्ष्य छात्रों को सशक्त बनाना और उन्हें बहु-विषयक कौशल प्रदान करना है, ताकि वे प्रतिस्पर्धी युग में खुद को सक्षम बना सके।
एनईपी-2020 के अनुरूप विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री ने वर्ष 2025 तक पूरे हरियाणा में एनईपी-2020 को लागू करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया तथा कहा कि विश्वविद्यालय एनईपी-2020 को लागू करने की दिशा में अग्रणी विश्वविद्यालय के रूप में कार्य करें।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री आनंद मोहन शरण ने केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित 2030 की लक्षित समयसीमा से पहले ही एनईपी-2020 के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए राज्य के दृढ़ संकल्प पर बल दिया। उन्होंने कहा किया कि हरियाणा 2024 के शैक्षणिक सत्र से एनईपी-2020 के 70 प्रतिशत कार्यान्वयन को प्राप्त करने का प्रयास करेगा, जो शैक्षिक सुधारों के प्रति राज्य के सक्रिय रुख और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के प्रति समर्पण को प्रदर्शित करेगा।