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Faridabad NCR

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय वायु गुणवत्ता में सुधार पर शोध करेगा

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 7 मार्च। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद वायु गुणवत्ता में सुधार को लेकर तकनीकी समाधान प्रदान करने के लिए संभावित क्षेत्रों में शोध करेगा, जो एनसीआर क्षेत्र में एक गंभीर समस्या है।
यह निर्णय आज यहां कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर की अध्यक्षता में हुई इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग की बैठक में लिया गया। विभाग के अध्यक्ष प्रो. प्रदीप डिमरी एवं कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग भी बैठक में मौजूद थे। बैठक में विभाग के सभी संकाय सदस्यों ने भाग लिया।
बैठक को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. एस.के. तोमर ने संकाय सदस्यों को ऐसी परियोजनाओं पर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जो तकनीकी समाधान के साथ सामाजिक समस्या का समाधान करेंगी और समाज को लाभान्वित करेंगे। छात्र केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने पर जोर देते हुए प्रो. तोमर ने विभाग से ऐसा शोध पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए कहा जोकि शोधकर्ता को अनुसंधान गतिविधियों में उत्साह के साथ हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करें।
प्रो. तोमर ने शोधकर्ताओं से ऐसा तकनीकी समाधान प्रदान करने का आग्रह किया जो स्थानीय उद्योगों द्वारा उत्सर्जित औद्योगिक धुएं में मौजूद नैनोकणों की मात्रा को माप सके और इसे वातावरण में फैलने से रोक सके।
बैठक में बताया गया कि शोधकर्ताओं की एक टीम पहले से ही आईओटी आधारित वर्टिकल गार्डनिंग की परियोजना पर काम कर रही है, जो एयर-कंडीशन द्वारा निकलने वाले पानी के उपयोग उपयोग पर आधारित है। सेंसर से लैस यह वर्टिकल गार्डन प्राकृतिक रूप से वायु शोधक के रूप में कार्य करेगा और यह वायु गुणवत्ता की निगरानी भी करेगा। बैठक में कुछ अन्य नवीन विचारों पर भी चर्चा की गई। विभाग के अध्यक्ष प्रो. प्रदीप डिमरी ने कुलपति को आश्वासन दिया कि विभाग इन नवीन विचारों पर काम करेगा और जल्द ही कुछ तकनीकी समाधान प्रदान करेगा।

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