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जे.सी. बोस विश्वविद्यालय उभरती प्रौद्योगिकियों में पांच माइनर डिग्री पाठ्यक्रम शुरू करेगाः कुलपति प्रो. तोमर

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 30 मई। जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग द्वारा संचालित स्नातक इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के अंतर्गत उभरती प्रौद्योगिकियों में पांच माइनर डिग्री पाठ्यक्रम शुरू करेगा।
यह जानकारी कुलपति प्रो. एस. के. तोमर ने कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग द्वारा ‘कंप्यूटर विजन एंड इमेज प्रोसेसिंग’ पर आयोजित पांच दिवसीय एआईसीटीई प्रायोजित फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) के उद्घाटन सत्र दी। उद्घाटन सत्र में दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल के कुलपति प्रो. राजेंद्र कुमार अनायत मुख्य अतिथि थे। इस मौके पर इंफॉर्मेटिक्स एंड कंप्यूटिंग के डीन प्रो. कोमल कुमार भाटिया, कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. अतुल मिश्रा और कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग भी मौजूद थे।
विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किए जाने वाले माइनर डिग्री पाठ्यक्रमों में कंप्यूटर विजन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग, ब्लॉक चेन, साइबर सुरक्षा और एडवांस वेब डेवलेपमेंट शामिल हैं।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रो. तोमर ने अपने अनुभव साझा किये तथा वर्तमान समय में उभरती प्रौद्योगिकियों के महत्व को बताया।
सत्र को संबोधित करते हुए प्रो. राजेंद्र कुमार अनायथ, जो ग्लोबल ग्राफिक कला इंडस्ट्री के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद हैं, ने कंप्यूटर विजन और इमेज प्रोसेसिंग के कुछ तकनीकी पहलुओं को विस्तार से बताया। उन्होंने कई उदाहरणों का चित्रण किया और रंग विज्ञान को कंप्यूटर दृष्टि से जोड़ा। उन्होंने कहा कि अगर हम इसे अपने दैनिक जीवन से जोड़ दें तो सीखना आसान हो जाएगा।
इससे पहले प्रो. कोमल कुमार भाटिया ने अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि कंप्यूटर विजन पर कार्यक्रम कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का उपयोग करके मानव दृष्टि की मॉडलिंग और प्रतिकृति से संबंधित है।
प्रो. अतुल मिश्रा ने एफडीपी के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि यह कार्यक्रम प्रतिभागियों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेगा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और संबंधित क्षेत्रों पर उनका ज्ञानवर्धन करेगा। सत्र के अंत में कार्यक्रम समन्वयक डॉ. पारुल तोमर ने अतिथि एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. पायल गुलाटी और डॉ. सोनाली गुप्ता द्वारा सत्र का सफल संचालन किया गया।

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