Faridabad NCR
जे.सी. बोस विश्वविद्यालय राज्य के अन्य विश्वविद्यालय को भी देगा अपने ई-संसधानों का लाभ
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 7 मई हरियाणा तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव श्री अंकुर गुप्ता ने आज जेसी बोस यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, वाईएमसीए, फरीदाबाद में ई-लर्निंग के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का अधिकारिक रूप से शुभारंभ किया तथा ई-लर्निंग रिसोर्सिज संसाधनों की उपयोगिता पर आधारित कार्यशाला का उद्घाटन किया। उन्होंने विश्वविद्यालय को अपने ई-संसधानों का लाभ राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों तक पहुंचाने का आह्वान किया।
उद्घाटन समारोह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने की। विश्वविद्यालय ने हाल ही में अपने विद्यार्थियों के लिए दो प्रमुख डिजिटल प्लेटफॉर्म स्थापित किए हैं जिनमें रिफ्रेड द्वारा विकसित ई-लाइब्रेरी पोर्टल तथा विश्वविद्यालय द्वारा विकसित डिजिटल लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (डीएलएमएस) शामिल हैं। डीएलएमएस को विश्वविद्यालय की आईटी टीम द्वारा कंप्यूटर इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ. कोमल भाटिया तथा कंप्यूटर अनुप्रयोग के विभागाध्यक्ष अतुल मिश्रा की देखरेख में विकसित किया गया है।
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर ऑनलाइन टीचिंग-लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए जेसी बोस विश्वविद्यालय द्वारा की गई पहल की सराहना करते हुए प्रधान सचिव ने कहा कि ई-लर्निंग उच्च शिक्षा का भविष्य होगा और कोरोना संकट में, ई-संसाधनों के उपयोग में निरंतर वृद्धि हुई है। उन्होंने विश्वविद्यालय के संकाय द्वारा तैयार किये गये डिजिटल लेक्चर्स का ई-लाइब्रेरी पर ओपन एक्सेस देने का सुझाव दिया ताकि राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में विद्यार्थी भी इन संसाधनों का लाभ उठा सकें।
इससे पहले, प्रो. दिनेश कुमार ने प्रधान सचिव श्री अंकुर गुप्ता का स्वागत किया और उन्हें डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा की गई पहल से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि इन-हाउस डीएलएमएस को विश्वविद्यालय के डिजिटल इंडिया सेल की टीम द्वारा विकसित किया गया है। कुलपति ने प्रधान सचिव को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय अपने डिजिटल माध्यमों से राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों को भी ई-संसधानों की सुविधा प्रदान करेगा।
डिजिटल इंडिया सेल की नोडल अधिकारी डॉ. नीलम दूहन ने डीएलएमएस पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी और अवगत कराया कि विश्वविद्यालय के डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म को अध्ययन सामग्री अपलोड करने, लाइव चैट, डिस्कशन फोरम इत्याादि जैसी सुविधाओं के साथ सक्षम बनाया गया है। इस प्लेटफार्म को विद्यार्थी कहीं से भी अपने लाॅगइन से एक्सेस कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि कुछ अन्य महत्वपूर्ण प्लेटफार्म जैसे लाइब्रेरी ई-पोर्टल, नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी, स्वयमं, एनपीटीईएल, ई-रिसोर्स, गूगल क्लासरूम इत्यादि को भी प्लेटफार्म के साथ जोड़ा गया है।
ई-लाइब्रेरी पोर्टल के संबंध में जानकारी देते हुए लाइब्रेरियन डॉ. पी. एन. बाजपेयी तथा रिफ्रेड सॉल्यूशंस के सीईओ मोहित शर्मा ने पोर्टल के विभिन्न फीचर्स की जानकारी दी। ई-लाइब्रेरी पर पांच लाख से अधिक संसाधनों को सिंगल विंडो सर्च की सुविधा के साथ उपलब्ध करवाया गया है जो विद्यार्थियों, शोधार्थियों तथा शिक्षकों को सभी आवश्यक शिक्षण सामग्री कहीं से भी, कभी भी और किसी भी डिवाइस पर उपलब्ध करता है। इस अवसर पर ई-लाइब्रेरी मोबाइल ऐप भी प्रदर्शित किया गया, जिसके कुछ ही समय में 1000 से अधिक डाउनलोड हो चुके है। यह ऐप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चैटबोट जैसी अनूठी विशेषताओं से सुसज्जित है, जिसे आईएलए और सोशल-लिब कहा जाता है।
अंत में कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर सभी डीन, चेयरपर्सन, संकाय सदस्य और विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रतिभागिय उपस्थित थे।
इसके उपरांत कार्यशाला के सत्रों में, आईआईटी मुंबई से डॉ. समीर सहस्रबुद्धे ने भारत में डिजिटल शिक्षा विषय पर एक व्याख्यान दिया और उसके बाद एक अन्य व्याख्यान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के डीन एवं निदेशक डॉ. आर.सी. गौड ने खोज, अनुसंधान और प्रकाशन की नैतिकता पर प्रकाश डाला। कार्यशाला के अंत में डॉ. अनुराधा ने प्रतिभागियों का धन्यवाद किया।