Faridabad NCR
भारत के जे.सी. बोस विश्वविद्यालय और जापान के एहिमे विश्वविद्यालय के बीच समझौता
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 20 अक्टूबर। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद और एहिमे विश्वविद्यालय, जापान ने अकादमिक और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समझौता किया है। इस समझौते से दोनों संस्थानों के बीच अकादमिक संबंधों को मजबूती मिलेगी तथा उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा मिलेगा जोकि दोनों संस्थानों द्वारा अनुसंधान, नवाचार और शैक्षिक अवसरों को आगे बढ़ाने देने के प्रयासों तथा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस समझौते के प्रयास मार्च 2023 में एहिमे विश्वविद्यालय के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के अकादमिक दौरे के दौरान शुरू हुआ था, जिसे अब अंतिम रूप दिया गया है। समझौते के अंतर्गत सहयोगी अनुसंधान परियोजनाओं को बढ़ावा देना, संयुक्त पर्यवेक्षण और प्रकाशनों के माध्यम से अनुसंधान और विकास गतिविधियों को सुविधाजनक बनाना, उद्योग की जरूरतों के साथ अकादमिक अनुसंधान को संरेखित करने वाली सहयोगी अनुसंधान पहलों के लिए सूचना और सहयोग के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना, छात्रों के माध्यम से सांस्कृतिक और शैक्षणिक आदान-प्रदान तथा विशेषज्ञ व्याख्यानों और कार्यशालाओं के माध्यम से क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना शामिल हैं।
शैक्षणिक साझेदारी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने जे.सी. बोस विश्वविद्यालय की तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का अनुसंधान और विकास गतिविधियों को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान है। विश्वविद्यालय प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग के अवसर तलाशने पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि जापान और भारत सांस्कृतिक रूप से एक-दूसरे के बहुत करीब हैं और इस सहयोग से दोनों विश्वविद्यालयों को लाभ होगा। प्रो. तोमर ने कहा कि विश्वविद्यालय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, ब्लॉक-चेन, जियोथर्मल और रॉक मैकेनिक्स सहित उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए वैश्विक सहयोग का इच्छुक है।
प्रो. नेत्र प्रकाश भंडारी, जिन्होंने प्रो. नाओकी किनोशिता के साथ एहिमे विश्वविद्यालय के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था, ने समझौते पर चर्चा के दौरान एहिमे विश्वविद्यालय वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों, विशेष रूप से भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ अकादमिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की जापानी सरकार की इच्छा से अवगत करवाया था। प्रो. भंडारी ने दोनों संस्थानों के बीच संभावित अनुसंधान पर भी चर्चा की थी।
जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के दौरे के दौरान एहिमे विश्वविद्यालय के प्रतिनिधिमंडल को विभिन्न शैक्षणिक विभागों का दौरा करने और अनुसंधान सुविधाओं का निरीक्षण करने का अवसर मिला था, जिससे उन्हें विश्वविद्यालय की अनुसंधान क्षमताओं के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी मिली थी। जे.सी. बोस विश्वविद्यालय और एहिमे विश्वविद्यालय के बीच यह सहयोग वैश्विक शैक्षिक संबंधों को बढ़ावा देने और उभरती प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसको लेकर दोनों संस्थान उत्साहित हैं।