Faridabad NCR
जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 8 मार्च। नारीत्व और समाज में उनके योगदान का सम्मान देने के उद्देश्य से जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया और इस उपलक्ष में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। कार्यक्रम का आयोजन महिला प्रकोष्ठ की आंतरिक शिकायत समिति एवं विश्वविद्यालय के डीन छात्र कल्याण कार्यालय द्वारा किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक में गणित की प्रोफेसर डाॅ. रेणु चुघ रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. एस.के. तोमर ने की।
कुलपति प्रो. एस.के. तोमर ने महिला दिवस की बधाई देते हुए समाज में महिलाओं की समान भूमिका की बल दिया तथा कहा कि महिलाओं की उपस्थिति के बिना समाज का निर्माण नहीं हो सकता। महिलाओं को कमजोर बताने वाली सामाजिक मानसिकता में बदलाव लाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि महिलाएं पहले से ही सशक्त हैं। उन्होंने व्यक्तित्व निर्माण एवं अच्छे मूल्यों को विकसित करने के लिए परिवार में माताओं और बड़े-बर्जुर्गों की भूमिका पर भी महत्वपूर्ण बताया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. रेणु चुघ ने प्राचीन भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति और भारतीय मूल्य प्रणाली के साथ इसके जुड़ाव पर विचार रखे। उन्होंने अच्छे चरित्र निर्माण की विशेषताओं के बारे में भी विस्तार से बताया।
इससे पहले महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ. नीतू गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया तथा महिला दिवस एवं कार्यक्रम की प्रासंगिकता पर संक्षिप्त परिचय दिया। विभिन्न क्लबों के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को रंगारंग बनाया।
इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों की विशिष्ट महिलाओं को सम्मानित किया गया, जिसमें शिक्षाविद प्रो. रेणु चुघ के अलावा जाने-माने कवयित्री बलजीत कौर, पत्रकार और न्यूज एनसीआर की सह-संस्थापक एकता रमन, सामाजिक कार्यकर्ता दर्शन गुप्ता और किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य डॉ. मुक्ता गुप्ता शामिल थी। कार्यक्रम के दौरान उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने वाले संकाय सदस्यों एवं विद्यार्थियों को भी प्रमाण पत्र प्रदान किये गये।
महिला दिवस के उपलक्ष में एक अन्य कार्यक्रम में विविध क्लब के विद्यार्थी सदस्यों ने महिलाओं से जुड़ी समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए ‘नारी व्यथा’ शीर्षक से नुक्कड़ नाटक का मचंन किया, जिसे सभी के द्वारा खुब सराहा गया।