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Faridabad NCR

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय द्वारा तीन दिवसीय रंगमंच कार्यशाला का आयोजन

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 20 जुलाई। नाट्य कला में बुनियादी कौशल और प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के साहित्य एवं भाषा विभाग द्वारा तीन दिवसीय रंगमंच कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। रंगमंच कार्यशाला का संचालन रंगमंच कलाकार एवं विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हर्षवर्धन चतुर्वेदी द्वारा किया जा रहा है।
कार्यशाला की शुरुआत कुलपति प्रो. एस.के. तोमर के संदेश से हुई, जिसमें उन्होंने रंगमंच की भूमिका पर बल दिया और कहा कि रंगमंच सही मूल्यों की बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उद्घाटन सत्र में डीन (इंस्टीट्यूशन) प्रो. संदीप ग्रोवर विशिष्ट अतिथि थे और उन्होंने इस तरह की अभ्यास-उन्मुख कार्यशालाओं के महत्व पर प्रकाश डाला। सत्र की अध्यक्षता विभाग के अध्यक्ष प्रो. अतुल मिश्रा ने की। उन्होंने इस तरह की कार्यशालाओं के माध्यम से रचनात्मक प्रवाह पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कि भाषा और साहित्य से संबंधित पाठ्यक्रम लोकप्रिय हो रहे है क्योंकि वे डिजिटल मानविकी और प्रदर्शन कला के रुझानों से जुड़े हुए हैं।
कार्यशाला के दौरान हर्षवर्धन ने भरत मुनि के नाट्यशास्त्र और रस सिद्धांत पर चर्चा की। उन्होंने रस, भाव के रंग सिद्धांत की व्याख्या की और कुछ प्रसिद्ध नाटककारों का उल्लेख किया। उन्होंने ई-साहित्य की तुलना में भौतिक पुस्तकों को पढ़ने के महत्व पर भी बल दिया। कार्यशाला के दौरान हर्षवर्धन ने नाटक के मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर व्याख्या करने के लिए विभिन्न नाट्य अभ्यासों का आयोजन किया। आयोजन सचिव ममता ने कार्यशाला में प्रायोगिक रंगमंच पर बल दिया। अंत में कार्यशाला संयोजक डॉ दिव्यज्योति सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। रखा।
कार्यशाला में इंजीनियरिंग, प्रबंधन और कला सहित सभी संकायों के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया, लेकिन विशेष रूप से एमए (अंग्रेजी) और पत्रकारिता के छात्रों ने इसका लाभ उठाया। कार्यक्रम का संचालन डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ लखविंदर और डिप्टी डीन डॉ अनुराधा पिल्लई के सहयोग से किया गया।

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