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Faridabad NCR

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सहायता सेवाओं के लिए टेली-परामर्श हेल्पलाइन ‘जीविशा’ शुरू

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 26 मई। फरीदाबाद के लोगों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सहायता सेवाएं प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन फरीदाबाद ने कोविड-19 महामारी के दौरान टेली-परामर्श हेल्पलाइन ‘जीविशा’ शुरू की है, जिसमें जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद सहयोगी है। इस हेल्पलाइन के माध्यम से प्रशिक्षित मनोचिकित्सकों एवं मनोवैज्ञानिक परामर्शदाताओं की समर्पित टीम द्वारा लोगों को निःशुल्क परामर्श सेवाएं दी जायेंगी। हेल्पलाइन सेवा में ऑनलाइन मानसिक परामर्श प्लेटफार्म – ‘ईसाइक्लिनिक’ भी सहयोग दे रहा है, जिसके माध्यम से मानसिक परामर्श के लिए मनोचिकित्सकों एवं मनोवैज्ञानिकों के साथ टेक्स्ट, ऑडियो या वीडियो चैट पर संपर्क किया जा सकता है।
ऑक्सीजन रि-फिलिंग मैनेजमेंट सिस्टम फरीदाबाद की सफलता के बाद, जे.सी. बोस विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन फरीदाबाद के बीच यह दूसरी सहयोगी पहल है। जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग से डॉ रश्मि चावला परियोजना में नोडल अधिकारी हैं तथा परियोजना का समन्वय विभाग की अध्यक्ष प्रो नीलम तुर्क के साथ-साथ संकाय सदस्य मंजू कुमारी और स्टूडेंट वालंटियर्स द्वारा किया जा रहा है। विश्वविद्यालय का पूर्व छात्र संघ ‘वाईएमसीए माॅब’ भी अपने संसाधनों के साथ पहल में सहयोग दे रहा है।
कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने जिला प्रशासन के साथ एक और सार्थक पहल में सहयोगी बनने पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि राज्य का एक प्रमुख तकनीकी विश्वविद्यालय होने के नाते समाज और प्रशासन को तकनीकी समाधान और सहायता सेवाएं प्रदान करना विश्वविद्यालय का कर्तव्य है। महामारी के मद्देनजर व्याप्त अनिश्चित स्थिति ने लोगों, विशेषकर युवाओं में भविष्य को लेकर व्यापक चिंता, भय, तनाव और अवसाद पैदा कर दिया है। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए लोगों के मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा पहले से ही मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को लेकर छात्रों के लिए विशेष परामर्श सत्र का आयोजन किया जा रहा है।
जिला उपायुक्त यशपाल ने कहा कि कोरोना महामारी के नकारात्मक प्रभाव शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी देखे गए हैं। इसलिए, लोगों को अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने लोगों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए हेल्पलाइन सेवा का लाभ उठाने का आग्रह किया।
हेल्पलाइन सेवा की विस्तृत जानकारी देते हुए एसडीएम बल्लभगढ़ अपराजिता ने कहा कि महामारी ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए अंतर-क्षेत्रीय समन्वय और सहयोग के महत्व कोे बढ़ा दिया है। प्रशासन ने फरीदाबाद के लोगों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए सहायता सेवाएं प्रदान करने के लिए टोल फ्री नंबर 18008911008 (शारीरिक सहायता) और 01141219298 (मानसिक स्वास्थ्य) के साथ एक टेली-परामर्श हेल्पलाइन शुरू की है। सुविधा का लाभ उठाने के लिए इच्छुक व्यक्ति को हेल्पलाइन नंबर पर मतदाता पहचान पत्र का विवरण प्रदान करना होगा। हेल्पलाइन के माध्यम से प्रशिक्षित मनोचिकित्सक एवं मनोवैज्ञानिक परामर्शदाताओं की एक टीम द्वारा सहायता सेवाएं प्रदान की जायेंगी, जिसमें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अनुभवी मनोचिकित्सक और मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता शामिल हैं। इसके अलावा, हेल्पलाइन सेवा को ऑनलाइन मानसिक परामर्श प्लेटफार्म – ईसाइक्लिनिक द्वारा भी सहयोग दिया जा रहा है जोकि एक निःशुल्क ऑनलाइन मानसिक स्वास्थ्य देखभाल क्लिनिक है।
इस पहल के उद्देश्य के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि महामारी और लॉकडाउन ने सभी के जीवन को प्रभावित किया है और यह लोगों के लिए तनाव का एक प्रमुख कारण है। महामारी के कारण घरों में कैद युवा वर्ग, अधिक जोखिम वर्ग में शामिल बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों, लगातार काम कर रहे सुरक्षा तथा स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों में मानसिक तनाव या अवसाद होना स्वाभाविक है। लंबे समय तक मानसिक आघात में रहने के परिणामस्वरूप मनोवैज्ञानिक समस्याएं जैसे पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, अवसाद और तनाव बढ़ सकता है। इसलिए, ऐसे सभी मामलों में लोगों की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए हेल्पलाइन शुरू की गई है।

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