New Delhi Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 23 जुलाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश अपराध प्रदेश बन गया है। भारतीय जनता पार्टी ने रामराज लाने का वादा किया था लेकिन पत्रकार विक्रम जोशी की निर्मम हत्या ने उत्तर प्रदेश सरकार के रामराज के सभी दावों की पोल खोल दी है। भारतीय युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निवास बी वी ने कहा, ‘पत्रकार विक्रम जोशी जी को मेरी भावपूर्ण श्रद्धांजली और उनके परिवारजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।’ उन्होंने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, ‘भाजपा ने उत्तर प्रदेश में राम राज का वादा किया लेकिन बना दिया जंगलराज। भारतीय जनता पार्टी और योगी आदित्यनाथ उन बच्चियों की आंख में आंख डालकर बता पाएंगे कि उनके पिता की हत्या इसलिए हुई कि वो अन्याय के खिलाफ लड़ना चाहते थे। उत्तर प्रदेश में सच बोलने वालों को डराया धमकाया और मारा जा रहा है। कानून और व्यवस्था की असफलता को अनदेखा नहीं किया जा सकता है और योगी आदित्यनाथ को इस्तीफा दे देना चाहिए।’
श्रीनिवास ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दिनदहाड़े क़ानून की धज्जियाँ उड़ते देख एक ही सवाल उठता है कि यहां कानून का शासन नहीं बल्कि जंगलराज है। क्या इस जंगलराज के लिए चुनी गयी थी भाजपा की योगी सरकार? पत्रकार विक्रम जोशी की दिनदहाड़े हत्या कोई अकेली घटना नहीं है। अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वालों को कुचल देना और ऐसे अपराधियों को सत्ता का संरक्षण मिलना यह बताता है कि उत्तर प्रदेश सरकार सच्चाई का गला घोंट देना चाहती है। विक्रम जोशी ने पुलिस से लगातार मदद की गुहार लगाई पर की पर योगी जी की पुलिस ने कोई कार्रवाही नहीं की इसका जिम्मेदार कौन है?
एनसीआरबी के नवीनतम आँकड़ों के मुताबिक़ उत्तर प्रदेश में अराजकता की स्थिति है और यहां कानून का शासन नहीं बचा है बल्कि जंगलराज बन चुका है। उत्तर प्रदेश में रोजाना 46 महिलाओं का अपहरण होता है, 12 महिलाएं प्रतिदिन ज्यादती की शिकार होती हैं जबकि 162 महिलाएं रोजाना किसी न किसी प्रकार की हिंसा झेलती है। उत्तर प्रदेश अपराध और जंगलराज का यह आलम है कि योगी आदित्यनाथ के शासन में 11 हत्याएं प्रतिदिन हो रही है।
यूपी में अपराधियों का मनोबल एकदम चरम पर है क्योंकि यूपी सरकार की तरफ से लगातार अपराधियों पर नरम, अपराध के आंकड़ें छिपाने, अपराधियों के सरंक्षण देने जैसे संकेत दिए गए हैं। जब अपराध के मुद्दों पर कोई सवाल उठाता है तो भाजपा का मकसद होता है कि कैसे विपक्ष के लोगों पर मुकदमा डाला जाए। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिसर्च के अनुसार उत्तर प्रदेश के भाजपा के 312 विधायकों में से 114 मतलब 37 प्रतिशत के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं। इनमें से 83 विधायक, बलात्कार, हत्या और अपहरण जैसे संगीन अपराधों में आरोपी हैं। यह क्या बचाएँगे क़ानून व्यवस्था को?
श्रीनिवास ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में किस तरह से पत्रकारिता का दम घोटा जा रहा है। सच्चाई उजागर करने वाले तमामों निर्भीक पत्रकारों पर सरकार खुद मुकदमे दर्ज करवा रही है या उनकी दिन दहाड़े हत्या की जा रही है यह सच का दमन नहीं तो और क्या है? लखीमपुर के रमेश मिश्रा की दिन दहाड़े हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा भी जिन पत्रकारों की आवाज दबाने का प्रयास उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने किया है वो इस प्रकार हैः-
1. न्यूज 1 इंडिया के मनीष पांडे ने निम्नस्तरीय पीपीई किट के मामले का उजागर किया था बदले में सरकार ने उनके पीछे अपनी एसटीएफ और पुलिस लगा दी,
2. स्क्रॉल की सुप्रिया शर्मा पर मोदी सरकार ने मुकदमा दर्ज कर दिया क्योंकि उन्होंनं मोदी जी द्वारा वाराणसी में गोद लिए हुए जयापुर गाँव की असलियत बतायी।
3. पवन जयसवाल जिन्होंने मिर्ज़ापुर में आंगनबाड़ी में बच्चों को नामक रोटी खिलाते हुए दिखाया और उसी के कारण मुक़दमा झेला।
4. फ़ेसबुक पर सरकार के विरोध में लिखने वाले प्रशांत कनौजिया को आखिरकार उच्चतम न्यायालय से ही राहत मिली,
5. बिजनौर में 5 पत्रकारों के खिलाफ़ उत्तर प्रदेश सरकार ने मुकदमा दर्ज किया क्योंकि इन्होंने जातिगत आधार पर हो रहे भेद भाव का सच जनता को दिखाना चाहा।
अपराधियों को संरक्षण देने वाली उत्तर प्रदेश सरकार नोएडा के पत्रकारों पर गैंगस्टर एक्ट तक लगा चुकी है। योगी आदित्यनाथ के जंगलराज में व्याप्त भ्रष्टाचार को कभी कभी उनके विधायक भी उजागर करते हैं। हरदोई के विधायक श्याम प्रकाश सीतापुर से विधायक राकेश राठोर ने भी आपके शासन की असलियत सामने रखी थी। निरंतर बढ़ते अपराध और जंगलराज पर आपकी चुप्पी बड़े सवाल खड़ा करती है। और सच पूछिए तो यह अपराध कैसे नहीं बढ़ेगा? आजकल अपराध का हर आरोपी या तो भाजपा में होता है या फिर उसके साथ उसके सम्बंध होते हैं। बुलन्दशहर में शहीद इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के लड़के को अभी तक आपने नौकरी नहीं दी, उनको न्याय मिलना तो दूर भाजपा ने हत्याकांड के मुख्य आरोपी शिखर अग्रवाल को अपनी पार्टी का पदाधिकारी ही बना दिया – पीएम जनकल्याण योजना अभियान का महामंत्री।
श्रीनिवास ने सवाल करते हुए पूछा है कि इन सवालों से कैसे और कब तक बचेंगे योगी जी? उत्तर प्रदेश सरकार पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा भी है कि यूपी में जंगलराज है और सरकार ही नहीं चाहती नहीं कि वहां कानून हो। ये सिस्टम की विफलता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आपकी चुप्पी इन सवालो का उत्तर नहीं है। बेहतर है कि उत्तर प्रदेश की जनता के हित में आप पद से इस्तीफा दें।