Faridabad NCR
अपनी मेहनत व कर्मठता से समाज में उत्कृष्ट स्थान बनाने वाली महिलाओं का लिंग्याज विद्यापीठ ने किया सम्मान
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : विभिन्न क्षेत्रों में अपनी कर्मठता व जीवटता से पहचान बनाने वाली महिलाओं का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर लिंग्याज विद्यापीठ (डीम्ड-टु-बी) यूनिवर्सिटी में सम्मान किया गया। इस दौरान संस्थान के चेयरमैन डा. पिचेश्वर गड्डे ने कहाकि इस महिला दिवस पर आज उन नारियों का यहां सम्मान किया गया है जिन्होंने अपनी मेहनत व कर्मठता से एक सोपान रचा है। ये वे महिलाएं हैं जिन्होंने सफलता के प्रतिमान गढ़ने के साथ ही कीर्तिमान रचे हैं। ये ऐसी महिलाएं हैं जो आज शिखर पर अपना परचम लहरा रही हैं। महिला दिवस पर यह संस्थान इन हस्थियों के परिश्रम और मेहनत को सलाम करता है।
चेयरमैन डा. पिचेश्वर गड्डे, वाइस चांसलर डॉ. अरविंद अग्रवाल, प्रो वाइस चांसलर प्रो. जसकिरण कौर, प्रों वाइस चांसलर आरएनडी डॉ. जी.एम.पाटिल व रजिस्ट्रार प्रेम कुमार सालवान द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर समारोह की शुरूआत की गई। इसके बाद जिन हस्तियों को सम्मानित किया गया उनमें क्लीनिकल साइकोलाजिस्ट डॉ. पूनम पूनिया, असिस्टेंट कमांडेंट एंड इंडियन स्वीमर ऋचा मिश्रा, मिस एशिया पैसिफ़िक 2014 रितिका विनय, मिस दिल्ली विनर हरलीन विनय, अमर उजाला की पत्रकार मूर्ति, एसिड अटैक सर्वाइवर्स रूकैया और मधु शामिल हैं। इस दौरान सभी जीवन के उन संघर्षों से अवगत कराया जिससे हमें प्रेरणा मिलती हैं कि कभी हार ना मानें। इस दौरान रूकैया और मधु ने अपने जीवन के उन पलों के बारे में बताया, जिन्हें भूलना बेहद मुश्किल होता है। रूकैया ने कहां कि किसी को मौत के घाट उतार देने से उसकी पूरी जिंदगी खत्म की जा सकती है, उसका हाथ- पांव काट देने से उसे अपंग किया जा सकता है, लेकिन अगर किसी पर तेजाब डाल दिया जाए तो वह इंसान न मर पाता है और न जी पाता। तेजाब से बदसूरत हुई जिंदगी को हमारा समाज सर उठाकर जीने की इजाजत नहीं देता। तेजाब से सिर्फ चेहरा ही नहीं इंसान की आत्मा भी जलने लगती है। मैं बस आज इस मंच से यही आह्वान करती हूं कि समाज में महिलाओं को बराबरी का अधिकार देने के साथ ही उनकी भागीदारी को बढ़ावा दिया जाए। तभी हर साल मनाए जाने वाले इस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की सार्थकता सिद्ध हो सकेगी। यूनिवर्सिटी की प्रो वाइस चांसलर प्रो. जसकिरण कौर ने कहा कि समय के साथ-साथ आज हमें अपनी सोच को बदलने की जरूरत है। महिलाओं के प्रति सम्मान और आदर का भाव रखें। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने अतिथियों से कुछ प्रश्न पूछे। जिनका अतिथियों ने जवाब दिया। मंच संचालन स्कूल ऑफ लॉ डिपार्टमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर शिल्पा शर्मा ने किया। इस दौरान 3 मार्च को हुए ‘अब पूर्वाग्रह नहीं’ थीम पर पोस्टर मेकिंग, ‘संघर्षों का सम्मान’ थीम पर निबंध लेखन प्रतियोगिता, ‘नारीत्व का जश्न मनाएं’ थीम पर लेखन प्रतियोगिता के सभी विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। अंत में प्रों वाइस चांसलर आरएनडी डॉ. जी.एम.पाटिल ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि नारी की शक्ति को कभी आंका नहीं जा सकता। मैं यहां बैठे सभी छात्र-छात्राओं को यहीं कहना चाहुंगा कि हमेशा नारी का सम्मान करें। वहीं संघर्षों को जीतने की पहली सीढ़ी है।