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गीता का ज्ञान सिखाता है कुशल नेतृत्व : प्रो. ज्योति राणा

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की डीन एकेडमिक्स प्रो. ज्योति राणा ने कहा कि गीता का ज्ञान हमें कुशल नेतृत्व सिखाता है। गीता में नेतृत्व और नायकत्व के तत्व अत्यंत स्पष्ट हैं। वे सेक्टर 24 स्थित जेबीएम कंपनी में कर्मचारियों को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कर्मचारियों को कुशल नेतृत्व का पाठ पढ़ाया और एक अच्छे लीडर की विशेषताओं से उन्हें अवगत करवाया। गौरतलब है कि जेबीएम के कर्मचारी श्री विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी द्वारा चलाये जा रहे रिकॉग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) के विद्यार्थी हैं। इस दौरान यूनिवर्सिटी की डीन एकेडमिक्स अफेयर्स ने कार्यशाला को सम्बोधित किया और एक शिक्षक की तरह कर्मचारियों को गीता के माध्यम से नेतृत्व का पाठ पढ़ाया और कई तकनीकी और व्यावहारिक पहलुओं से अवगत करवाया। प्रो. राणा ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में और करियर में गीता का बहुत महत्व है और कुशल नेता बनने के लिए श्री कृष्ण की छवि को अपने चरित्र में लाने की जरुरत है। उन्होंने बताया अर्जुन को गीता का ज्ञान देते हुए कृष्ण ने जिन बातों पर सबसे ज्यादा जोर दिया है उनमें से एक नेतृत्व भी है। नेतृत्व एक ऐसी शक्ति है जो किसी भी व्यक्ति, संगठन या देश को सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचा सकती है। वहीं इससे लोगों में आपके प्रति विश्वास भी जागृत होता है। गीता द्वारा नेतृत्व का ज्ञान देते हुए उन्होंने गीता के एक श्लोक का उदाहरण दिया “यद्यदाचरति श्रेष्ठ: तत्तदेवेतरो जन:।
स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तेदनुवर्तते ।।” अर्थात कृष्ण अर्जुन को कहते हैं कि एक लीडर को अपने व्यवहार, कथन और आचरण से अपनी कथनी-करनी में एकरूपता रखनी चाहिए। इससे लोगों का विश्वास कायम होता है और वे हमारा अनुसरण करते हैं। कार्यशाला में प्रो ज्योति राणा के उद्बोधन में कार्यशाला में चेतना जागृत की और सभी कर्मियों के साथ-साथ शिक्षक ने भी ज्ञान प्राप्त किया।
आरपीएल के प्रोग्राम मैनेजर एस के आनंद ने कर्मियों को पढ़ाने और इस वर्कशॉप में व्यवहारिक गुर सिखाने के लिए प्रो. ज्योति राणा का आभार ज्ञापन किया।
इस अवसर पर श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के आरपीएल प्रोग्राम प्रबंधक  एस के आनंद,ए वी पी-जे बी एम ग्रुप श्री आर. सी. कुशवाहा, प्रो अनिल अग्रवाल, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आस्था जैन एवं अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।

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