New Delhi Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : कोविड-19 महामारी के समय में जहां अधिकांश उद्यमों ने अपने पारंपरिक विपणन (ट्रेडिशनल मार्केटिंग) और प्रचार खर्च में कटौती की है, वहीं डिजिटल मार्केटिंग का दायरा कई गुना बढ़ गया है, क्योंकि लक्षित उपभोक्ता सोशल डिस्टेंसिंग के समय में घर पर है और ज्यादा समय ऑनलाइन है। यह बात गुरुवार को कुछ प्रमुख डिजिटल मार्केटर्स ने कही है। लॉकडाउन ने जहां एक तरफ ढेर सारे बिजनेस को गंभीर नुकसान पहुंचाया है, वहीं कुछ ऐसे भी हैं, जिनके लिए यह एक अवसर बन गया है और डिजिटल मार्केटिंग एजेंसियां उनमें से एक हैं।
वहीं डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी डिजिटल सुकून के प्रबंध निदेशक (एमडी) सुधांशु कुमार का कहना है कि वे लॉकडाउन के प्रभाव का सामना करने के लिए अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में हैं।
कुमार ने कहा, हमने समय का सही इस्तेमाल किया और इस तथ्य को समझा कि लॉकडाउन भारत में डेटा की खपत को बढ़ाने जा रहा है। इस स्थिति में हमें अपने क्लाइंट्स को वहां रखना था, जहां उपभोक्ता थे। हमने मानदंडों का पालन करते हुए अपनी टीमों को लेकर पूरी मेहनत के साथ इस अंतर को पाटने में कामयाबी हासिल की।
डिजिटल सुकून, प्रकाश झा प्रोडक्शंस, रोहित शेट्टी पिक्चर्स, पूजा एंटरटेनमेंट और पैनोरमा स्टूडियोज के लिए कलाकारों और लोकप्रिय हस्तियों के साथ डिजिटल प्रचार का काम संभाल रही है।
डिजिटल सुकून उन कुछ फर्मों में से है, जिन्होंने इस संकट की घड़ी में भी पूरे स्टाफ को बनाए रखा और ज़रूरतमंदों की मदद भी की।
कुमार ने कहा, ये सभी के लिए एक अभूतपूर्व समय है और हम डिजिटल सुकून के साथ जितना संभव हो सकेगा लोगों की मदद करना पसंद करेंगे। लॉकडाउन के बाद से भारत की इंटरनेट खपत 13 से 14 प्रतिशत बढ़ गई।