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Faridabad NCR

श्री सिद्धदाता आश्रम में नववर्ष एवं गुरुजी का जन्मदिन मनाने पहुंचे लाखों लोग

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : गुरु को शरीर मानने की भूल न करें प्रेमीजन। गुरु शरीर नहीं है, वह गुरुतत्व है। शरीर चले जाते हैं लेकिन तत्व सदा विराजमान रहता है। यह बात श्री सिद्धदाता आश्रम में आयोजित नववर्ष एवं जन्मोत्सव समारोह में जगदगुरु स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने अपने प्रवचन में कही। आज उनके जन्मदिन पर देश दुनिया से लाखों की संख्या में शिष्य परिवार एक जनवरी को श्री सिद्धदाता आश्रम आते हैं।

गुरुजी ने कहा कि हम गुरुको शरीर मानकर उनके गुण दोषों में रत हो जाते हैं और यही कारण है कि हम उनके दिखाए मार्ग में भी प्रवीण नहीं हो पाते हैं और जीवन भर संकटों में फंसे रहते हैं। श्री गुरु महाराज ने कहा कि कलियुग में नाम की बड़ी महिमा है, जब एक व्यक्ति नाम में रम जाता है तो भगवान उसके नाम की करने लगते हैं। उन्होंने कहा कि भक्ति, नाम और सत्संग उसी को प्राप्त होते हैं जिनपर भगवान की कृपा होती है। भगवान की कृपा रूप में ही हमें गुरु की प्राप्ति होती है। जब ऐसा हमारे जीवन में घटित हो तो हमें भगवान का शुक्रिया अदा कर बस गुरुजन की बातों को जीवन में उतार लेना चाहिए।

उन्होंने मौजूद सभी भक्तों को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं और भक्तों ने भी हैप्पी बर्थ डे टू यू गुरुजी गीत गाकर अपनी भावनाओं का प्रकटन किया।

इससे पहले जगदगुरु स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में भगवान लक्ष्मीनारायण एवं समाधि स्थल पर वैकुंठवासी स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज के समक्ष लोककल्याण के लिए प्रार्थना की। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में गुब्बारे आसमान में छोडक़र श्री गुरु महाराज को जन्मदिन की बधाई दी गई। कार्यक्रम में चाचा सुदामा, बालाचार्य स्वामी, मुकेश डागर, एडवोकेट विकास वर्मा, एडवोकेट विकास वर्मा आदि ने उनका जोरदार स्वागत किया। वहीं जयपुर से आए गायक लोकेश शर्मा, जगदीश सोमानी आदि ने सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी और दिल्ली से आई मंडली मधुबन आर्ट ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया।

इस अवसर पर सभी को श्री गुरु महाराज से प्रसाद एवं आशीर्वाद प्राप्त हुआ। आश्रम में भोजन प्रसाद और बाहर परिक्रमा मार्ग में अनेकों लंगरों पर सुमधुर भोज्य पदार्थ प्राप्त हुए।

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