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Faridabad NCR

फरीदाबाद के अमृता अस्पताल में व्यापक और सबसे बड़ी आधुनिक रोबोटिक टीम उपलब्ध 

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 12 जनवरी। फरीदाबाद में 2,600 बेड्स वाले अमृता अस्पताल ने अमेरिका बेस्ड इंटुएटिव से दा विंची Xi सर्जिकल सिस्टम स्थापित किया है। यह सिस्टम सर्जन को रोबोटिक-असिस्टेड मिनिमली इनवेसिव सर्जरी करने के लिए उपकरणों का एक उन्नत सेट प्रदान करता है। यह सिस्टम स्थापित होने के बाद, अस्पताल में अब रोगियों के लिए यूरो-सर्जिकल, गैस्ट्रो-सर्जिकल, गाइनेक-ऑन्कोलॉजिक, कार्डियोथोरेसिक, सामान्य सर्जरी और सिर और गर्दन के कैंसर की सर्जरी के लिए नए युग की सर्जिकल तकनीक की सुविधा उपलब्ध है। अत्याधुनिक उपकरण और इंटीग्रेटेड टेबल मोशन जैसी सुविधाओं के साथ, दा विंची Xi सर्जिकल सिस्टम विभिन्न प्रकार की जटिल सर्जिकल प्रक्रियाओं को संचालित करने के लिए बहु-चतुर्थांश पहुंच प्रदान करता है। फरीदाबाद में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी अस्पताल में द विंची सिस्टम लगाया गया है।

अमृता अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. संजीव सिंह ने कहा, “रोबोटिक-असिस्टेड मिनिमली इनवेसिव सर्जरी से पारंपरिक सर्जरी की तुलना में कम दर्द और रक्तस्त्राव के साथ कम जटिलताएं आती हैं और साथ ही जल्दी रिकवरी भी होती है। इसके असंख्य फायदों को ध्यान में रखते हुए, हमने दुनिया की सबसे उन्नत, चौथी पीढ़ी की सर्जिकल प्रणाली दा विंची Xi को स्थापित किया है। इससे हमारे रोगियों को अत्यधिक लाभ होगा और हमें अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से मेडिकल एक्सीलेंस के उच्चतम मानकों को पूरा करने में मदद मिलेगी।”

दा विंची Xi सिस्टम कम समय में कंसोल पर सर्जनों के हाथों की गतिविधियों को सटीक रूप से मोड़ने और छोटे कलाई वाले उपकरणों को घुमाने के लिए परिवर्तित करता है, जिससे सर्जन छोटे चीरों के माध्यम से काम कर सकते हैं। विभिन्न रोबोटिक आर्म्स, मानव हाथ की प्राकृतिक क्षमता से परे काम और घूम सकते हैं। एक 3-डी हाई डेफिनिशन कैमरा सर्जिकल क्षेत्र के लाइव वीडियो फीड को वापस सर्जन को दिखता है। इससे सर्जन की क्षमताओं का विस्तार और बेहतर नैदानिक परिणाम मिलते हैं।

फरीदाबाद का अमृता अस्पताल पहले से ही नवीनतम दा विंची Xi प्रणाली के साथ सर्जरी कर चुका है। सर्जनों की टीम ने एक 65 वर्षीय महिला के मूत्र मार्ग की पुनर्निर्माण सर्जरी (पाइलोप्लास्टी) की, जो उसके मूत्राशय में मूत्र के प्रवाह को रोक रही थी। मरीज का ऑपरेशन करने वाले यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख, यूरो ओंकोलॉजी और रोबोटिक सर्जरी के सेक्शन इंचार्ज डॉ. मानव सूर्यवंशी ने कहा, “हमने दा विंची रोबोटिक प्लेटफॉर्म को इसलिए चुना क्योंकि इस तरह की सर्जरी में उच्च सटीकता की जरूरत होती है। इस मामले में, रोबोटिक तकनीक द्वारा दी गई निपुणता ने हमें मरीज के मोटापे और एक कार्यशील किडनी सहित कई चुनौतियों पर काबू पाने में मदद की। एडवांस सिस्टम का उपयोग करके, हम बहुत छोटे छेद से ऐसी जटिल सर्जरी कर सकते हैं। तीन दिन बाद मरीज को छुट्टी दे दी गई। हमारी जानकारी के मुताबिक, दा विंची Xi सिस्टम पर फरीदाबाद की यह पहली रोबोटिक सर्जरी है और मरीज के लिए अत्यधिक लाभकारी रही है, जिसकी केवल एक किडनी काम कर रही थी।”

एक अन्य मामले में, एंडोमेट्रियल कैंसर से पीड़ित एक 60 वर्षीय मोटापे से ग्रस्त महिला का बहुत छोटे चीरों के माध्यम से रोबोटिक सर्जरी द्वारा सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया और कुछ दिनों में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। स्त्री रोग ऑन्कोलॉजी विभाग की सीनियर कंसलटेंट डॉ. नेहा कुमार, जिन्होंने प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की सीनियर कंसलटेंट डॉ. श्वेता मेंदिरत्ता के साथ मिलकर सर्जरी का नेतृत्व किया, ने कहा, “दा विंची Xi सिस्टम बहुत सटीक है और पेट के सभी हिस्सों तक बेहतर पहुंच प्रदान करता है। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के मुकाबले इसमें ओपन सर्जरी में बदलने की बहुत कम संभावना होती है, जबकि रिपोर्ट्स के मुताबिक लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में 25% रोगियों की सर्जरी ओपन सर्जरी में बदल गई है। इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए, रोगी को एंडोमेट्रियल कैंसर के ऑपरेशन के लिए रोबोटिक सर्जरी की सलाह दी गई, जिसमें ट्यूब और अंडाशय दोनों को हटाने के साथ-साथ श्रोणि में लिम्फ ग्रंथियों और पूरे गर्भाशय को हटाना शामिल थे। मरीज के मोटापे के कारण सर्जरी चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन रोबोटिक प्लेटफॉर्म के साथ मिनिमली इनवेसिव सर्जरी सफलतापूर्वक हुई। डिस्चार्ज के समय वह पूरी तरह से फिट, गतिशील और स्वतंत्र रूप से अपने रोजमर्रा के काम करने में सक्षम है।”

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