Faridabad NCR
लेजर से वेरीकोज वेन्स का इलाज हुआ आसान, 24 घंटे में मरीज डिस्चार्ज

Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 01 जून। लोगों को वैरिकोज वेन्स के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से सेक्टर-16 स्थित मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में निःशुल्क वैरिकोज वेन्स जाँच शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान शहर के विभिन्न हिस्सों से आए लगभग 70 लोगों ने जाँच शिविर का लाभ उठाया। इस अवसर पर मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में रोबोटिक, मिनिमली इनवेसिव, बैरिएट्रिक एवं जनरल सर्जरी विभाग के एसोसिएट क्लीनिकल डायरेक्टर एवं एचओडी यूनिट-2 डॉ. सचिन मित्तल और रोबोटिक, मिनिमली इनवेसिव, बैरिएट्रिक एवं जनरल सर्जरी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. बीरबल कुमार ने लोगों के पैरों में त्वचा की सतह के नीचे उभरी नीली नसों, पैरों में दर्द एवं सूजन की अच्छे से जाँच की और बिना किसी शुल्क के परामर्श किया। लोगों को बताया गया कि वैरिकोज वेन्स को लेकर ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि लेजर तकनीक द्वारा वैरिकोज वेन्स का प्रभावी तरीके से इलाज संभव है और मरीज को 24 घंटे के बाद ही डिस्चार्ज कर दिया जाता है।
मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में रोबोटिक, मिनिमली इनवेसिव, बैरिएट्रिक एवं जनरल सर्जरी विभाग के एसोसिएट क्लीनिकल डायरेक्टर एवं एचओडी यूनिट-2 डॉ. सचिन मित्तल ने कहा कि कैंप में आये अधिकतर लोगों में पैरों में भारीपन या दर्द महसूस होना, टखनों और पैरों में हल्की सूजन या दर्द, नीली फूली हुई नसें दिखना, वैरिकोज नस के आसपास की त्वचा का रंग बदलना, पैरों में ऐंठन आदि समस्याएं देखने को मिली। शिविर में इन लक्षणों के साथ आने वाले लोगों में 60 प्रतिशत महिलाएं थीं और 40 प्रतिशत पुरुष थे। महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान हार्मोन स्तर में बदलाव के चलते वैरिकोज वेंस का जोखिम ज्यादा बढ़ जाता है।
डॉ. सचिन मित्तल एवं डा बीरबल ने कहा कि वैरिकोज वेन्स यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें पैरों की नसों में खून इकट्ठा होने लगता है जिससे पैरों में सूजन आ जाती है इस कारण व्यक्ति को चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा मोटापा से ग्रसित लोगों में भी इसका रिस्क ज्यादा होता है क्योंकि मोटापा की वजह से वेंस पर दबाव ज्यादा पड़ता है। बढती उम्र के लोगों में भी वैरिकोज वेन्स का जोखिम ज्यादा बढ़ सकता है क्योंकि उम्र ढलने के कारण नसों के वाल्व पहले की तरह कार्य नहीं करते हैं और नसें सख्त हो जाती हैं। इसका अलावा स्मोकिंग भी इसका एक कारण है। लंबे समय तक खड़ा रहने के कारण भी इस बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है। हाई हील्स का अधिक इस्तेमाल और फ्लैट फुट भी इसका जोखिम बढ़ा सकता है। कुछ मामलों में यह बीमारी जन्मजात भी हो सकती है। समय रहते इलाज न कराने पर वैरिकोज वेन्स के पास त्वचा पर अल्सर भी हो सकता है।
बचाव-पिंडलियों की मांसपेसियों को एक्टिव रखने के लिए नियमित व्यायाम करें, वजन नियंत्रित करें, अधिक फाइबर युक्त आहार लें, कम नमक वाला आहार लें, तंबाकू के इस्तेमाल से बचें, लंबे समय तक खड़े रहने से बचें। अगर एक ही जगह पर लंबे समय तक बैठकर कार्य कर रहे हैं तो आपको कुछ समय के लिए उठकर टहलना चाहिए। बीमारी की स्टेज के आधार पर ही इलाज किया जाता है। अगर दवा और जीवन शैली में सकारात्मक बदलाव के बावजूद वैरिकोज वेंस की समस्या बनी हुई है तो फिर मरीज को सर्जरी कराने के सलाह दी जाती है।