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गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध संबंधी कानून आवश्यक : मनोज जैन

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New Delhi Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : भगवान महावीर देशना फाउंडेशन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के साथ गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाने की मांग संबंधी एक पत्र लिखा है। फाउंडेशन के निदेशक मंडल में से एक सीए अनिल जैन के नेतृत्व में अन्य निदेशकों— सुभाष ओसवाल जैन, सीए अनिल जैन एवं सीए राजीव जैन द्वारा ​लिखे इस पत्र में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 48 के प्रावधानों की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया गया है जिसमें गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने संबंधी सिफारिश की गई है।
पत्र के बारे में सीए अनिल जैन ने बताया कि भारतीय संस्कृति में गोवंश का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। गाय को भारत में मां का दर्जा दिया गया है और देवताओं की तरह उसकी पूजा होती है। ऐसे में गोवंश की हत्या करना न केवल पाप, बल्कि अक्षम्य अपराध है। ऐसे में केंद्र सरकार को भी गाय को राष्ट्रीय पशु का दर्जा देते हुए इसके वध पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने संबंधी कानून जल्द—से—जल्द बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्र में पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए एक महत्वपूर्ण फैसले का भी उल्लेख किया गया जिसमें कोर्ट ने कहा है कि गाय के संरक्षण को हिंदुओं का मौलिक अधिकार में शामिल किया जाए। यहां तक कि भारत के संविधान के अनुच्छेद—48 में भी कहा गया है कि गाय नस्ल को संरक्षित किया जाएगा और दुधारू व भूखे जानवरों सहित गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। सीए अनिल जैन ने बताया कि जब देश के 29 राज्यों में से 24 में गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध है, तो फिर केंद्र को भी पूरे देश में गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की दिशा में कदम उठाते हुए कठोर कानून बनाने में देर नहीं करना चाहिए।
प्रधानमंत्री के फैसलों की तारीफ करते हुए सीए अनिल जैन ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार जब अनुच्छेद 370 एवं 35ए के प्रावधानों को खत्म कर नागरिकता संशोधन विधेयक पारित कराने के साथ वर्षों से लटके राम मंदिर विवाद को दूर करवाकर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने जैसा दूरगामी निर्णय ले सकती है, तो फिर गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने में विलंब करना सही नहीं है। उन्होंने बताया कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करते हुए गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना इसलिए भी आवश्यक है, क्योंकि 29 में से 24 राज्यों में गोहत्या पर प्रतिबंध होने के बावजूद झारखंड, महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब जैसे राज्यों में गोहत्या जारी है। हालात यह हैं कि भारत में बीफ, यानी गोवंश और भैंस के मीट की खपत में भी लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है, जो साफ तौर पर गोवंश की हत्या की ओर इशारा करता है। ऐसे में केंद्र सरकार को अविलंब इस दिशा में पहल करते हुए गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के साथ गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने संबंधी कठोर कानून बनाना चाहिए, ताकि पशु क्रूरता के कारण पैदा होनेवाली ग्लोबल वार्मिंग में कमी आने के साथ पर्यावरण की भी रक्षा हो सके।
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