Faridabad NCR
चारा काटने की मशीन से मासूम के दाहिने हाथ (राइट हैंड) के कटे अंगूठे को 6 घंटे चली सर्जरी में डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक जोड़ा
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : वैसे तो हमारे शरीर का हर अंग बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन किसी कारणवश हाथ या पैर में कोई कमी आ जाए तो व्यक्ति को न केवल अपने शिक्षा, करियर, रोजगार से संबंधित समस्या का सामना करना पड़ता है बल्कि वह उम्र भर अपने रोजमर्रा के कामों के लिए परिवार के सदस्यों पर निर्भर हो जाता है। हाल ही में मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में तिगांव क्षेत्र से लगभग 2 वर्षीय शिवाक्ष आया जिसका चारा काटने की मशीन में आने से दाहिने हाथ का अंगूठा कट गया था। मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में प्लास्टिक एवं रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. कावेश्वर घुरा ने बताया कि जब बच्चा हमारे पास आया था तो बच्चे का दाहिने हाथ का अंगूठा आगे की तरफ से जॉइंट वाली जगह से लगभग पूरा ही कटा हुआ था, केवल एक पतली सी चमड़ी से लटका हुआ था। बच्चे को काफी दर्द हो रहा था। परिजन बच्चे को इलाज के लिए पहले तिगांव क्षेत्र के किसी स्थानीय हॉस्पिटल में भी ले गए थे। हमने ठीक से जाँच के बाद सर्जरी कर बच्चे के अंगूठे को जोड़ दिया। सर्जरी के बाद बच्चे के हाथ का अंगूठा फिर से सामान्य रूप से कार्य कर रहा है। पूरी तरह स्वस्थ होने पर बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया गया है। अगर समय रहते इलाज न होता तो बच्चे को आगे चलकर पढने-लिखने व अन्य कार्यों को करने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता था। अंगूठा हाथ का एक ऐसा महत्वपूर्ण अंग है जो हाथ से करने वाले कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
डॉ. कावेश्वर घुरा ने बताया कि यह केस काफी चुनौतीपूर्ण था। पहली चुनौती- इतने छोटे बच्चे में अंगूठे में खून की नसें इतनी बारीक़ थी कि माइक्रोस्कोप के मैक्सिमम मैग्निफिकेशन में भी बड़ी मुश्किल से दिख रही थी। दूसरी चुनौती-इस नस को जोड़ने के लिए सबसे बारीक़ धागे का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन माइक्रोस्कोप में ये धागा भी बच्चे की खून की नस से भी काफी मोटा दिख रहा था इसलिए अंगूठे के कटे हिस्से को जोड़ने में काफी मुश्किल आई। इतनी बारीक़ खून की नसों को जोड़ना आसान काम नहीं है इसलिए सर्जरी में लगभग 6 घंटे का समय लगा। सर्जरी सफल रही। ऑपरेशन के बाद बच्चे के अंगूठे ने सामान्य रूप से काम करना शुरू कर दिया है।
ध्यान दें: खासकर बच्चों को ऐसी तेज धारदार मशीन या अन्य टूल से दूर रहें। जब भी ऐसी कोई घटना हो जाए तो मरीज को कटे हुए अंग के साथ तुरंत हॉस्पिटल ले जाना चाहिए। अगर जल्दी नहीं जा पाते हैं तो लगभग 6 घंटे के अन्दर डॉक्टर के पास पहुंच जाना चाहिए। अगर इससे अधिक समय लगता है तो फिर कटे अंग के जुड़ने की संभावना कम हो जाती है। कटे अंग को सबसे पहले साफ़ पानी से धोना चाहिए और तुरंत ही कटे अंग को साफ़ पोलीथिन में डाल लें। फिर उस पोलीथिन को बर्फ़ में डाल लेना चाहिए, इससे डॉक्टर को अंग को जोड़ने के लिए समय मिल जाता है। ध्यान रहें –कटे अंग को बर्फ़ के सीधे संपर्क में न रखें क्योंकि बहुत गर्म और बहुत ठंडा दोनों इसे नुकसान पहुंचाते हैं।