Faridabad NCR
हरियाणा दिवस पर निकिता तोमर की पुण्य स्मृति में महिला कल्याण मंच ने आयोजित की विचार गोष्ठी
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 1 नवंबर हरियाणा दिवस पर महिला कल्याण मंच ने “बढ़ते दुष्कर्म, कारण और इसको रोकने में समाज की भूमिका” विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी में सर्वप्रथम निकिता तोमर की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई। एनआईटी1स्थित वैश्य भवन में आयोजित इस विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए हरियाणा महिला आयोग की सदस्य रेनू भाटिया व प्रमुख समाजशास्त्री प्रोफेसर एमपी सिंह ने कहा कि दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने के लिए काफी कठोर कानून यहां तक कि फांसी की सजा का प्रावधान होने के बावजूद भी दुष्कर्म की घटनाएं हो रही है इसका सबसे बड़ा कारण सामाजिक जनचेतना व संस्कारों का अभाव है। हमें अपने घर परिवार से ही मानसिकता सुधारनी होगी। बचपन से ही लड़के को सिखाना होगा कि किस तरह एक महिला की इज्जत और मर्यादा रखनी है। रेनू भाटिया ने कहा कि देवभूमि भारत में नारी के सम्मान के बारे में बहुत सुंदर कहा गया है कि ” यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमंते तत्र देवता, अर्थात जहां नारी का सम्मान होता है वहां भगवान का वास होता है” यह हमारी संस्कृति और संस्कारों को दर्शाता है लेकिन आज हमारी आदर्श इस प्राचीन संस्कृति और संस्कारों को भुलाकर पशुवत पुरुषों ने नारियों का सम्मान करना बंद कर दिया है। जिसके चलते ही आज दुष्कर्म की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। प्रोफेसर एमपी सिंह ने कहा कि परिवार में यह सभी पुरुषों को समझना जरूरी है कि स्त्री और पुरुष समान है और स्त्री सिर्फ वंश बढ़ाने के लिए या पुरुषों की सुविधा और उपभोग के लिए नहीं है। नैतिक शिक्षा ही असली शिक्षा है शेष तो दक्षता है। उन्होंने कहा कि बच्चियों को बहुत स्ट्रांग बनाया जाए, उनको फिजिकल ट्रेनिंग दी जाए और स्कूल में यौन शिक्षा अनिवार्य की जाए। बच्चों के लिए संस्कार शिविर का आयोजन होना चाहिए और लड़कियों, महिलाओं के लिए सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देने के कार्यक्रमों का लगातार आयोजन होना चाहिए। घर की लड़कियों व महिलाओं को बताना चाहिए कि किस तरह घर से बाहर निकलते समय और घर में भी अपनी सुरक्षा हेतु क्या क्या सुरक्षा उपाय अपनाने चाहिए। उन्हें गुड टच और बैड टच के बारे में बताना चाहिए।
महिला कल्याण मंच में शामिल सामाजिक व महिला संगठन तेरापंथ महिला मंडल,नारी शक्ति उत्थान,हरसीरत फाउंडेशन, दिव्य ज्योति जन सेवा ट्रस्ट, बदलाव हमारी कोशिश चैरिटेबल ट्रस्ट, सेवा भाव चैरिटेबल ट्रस्ट, श्री अशोक जन सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट, होप एंड हेल्प फाउंडेशन की प्रमुख/संयोजक पूनम भाटिया, सुनीता नाहटा, अमरजीत रंधावा, शैली बब्बर, हरमीत कौर, सुषमा यादव, साक्षी भाटिया, गजना लाम्बा, वी एस विरदी ने भी अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि पहले कुटुंब परिवार होते थे सभी एक दूसरे पर नजर रखते थे लेकिन आज एकल परिवार हो गए हैं। काम धंधे, रोजगार, नौकरी करने के कारण मां बाप अपने बच्चों पर विशेष ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, उनके साथ समय नहीं बिताते हैं। व्यस्त होने के कारण उनकी गतिविधियों पर नजर नहीं रखते हैं ।बच्चा कहां जा रहा है, कितनी देरी से आ रहा है इसको नहीं देखते हैं जिसके कारण बच्चे गलत संगत में पड़ जाते हैं। और दुष्कर्म जैसी घटनाएं भी कर बैठते हैं अतः उन्हें दुष्कर्म की घटनाओं के परिणाम और उससे परिवार को होने वाली क्षति, बदनामी आदि के बारे में बैठकर चर्चा करनी, बताना चाहिए प्रमुख समाजसेवी कैलाश शर्मा ने भी अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि यह हमारी प्राचीन संस्कृति और संस्कारों का ही अभाव है कि जो लोग व युवा अपनी मां बहन के पैर छूकर, आशीर्वाद लेकर बाहर निकलते हैं वे बाहर जाकर दुष्कर्म की घटनाओं को अंजाम देते हैं। अगर उन्हें बताया जाए कि हर लड़की में अपनी बहन, हर महिला में अपनी मां की छवि देखो तो ऐसी घटनाएं में कुछ