Faridabad NCR
मलेरिया की रोकथाम के लिए लोगों में अधिक से अधिक जागरूक करें : अतिरिक्त उपायुक्त सतवीर मान
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 27 जुलाई। अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर मान ने कहा कि मलेरिया की रोकथाम के लिए लोगों में अधिक से अधिक जागरूकता लाई जाए तथा संबंधित विभाग भी आवश्यक कदम उठाएं। किसी भी हालत में घरों या आंगन में पानी जमा न होने दें, अगर पानी की निकासी नहीं हो पा रही तो उस पर काला तेल डाल दें, ताकि तेल की परत से मच्छर पनप ही न पाएं।
अतिरिक्त उपायुक्त सोमवार को लघु सचिवालय के सभागार में जिला स्तरीय मलेरिया वर्किंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बारिश के दौरान तापमान में बार-बार बदलाव से मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में सावधानी रखना जरूरी है। बुखार को अक्सर लोग वायरल फीवर समझ लेते हैं और कभी-कभी डेंगू या मलेरिया के मरीज की कंडिशन बिगड़ जाती है। ऐसे में लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिएं। उन्होंने कहा कि मच्छर को पैदा होने से रोकना आसान है, बजाय पैदा होने के बाद मारने से। उन्होंने बैठक में विभिन्न विभागों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश भी दिए।
सिविल सर्जन डा. रणदीप सिंह पुनिया ने बताया कि बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा ठहरे हुए पानी में मच्छर पैदा होते हैं। हर जगह पानी को पूरी तरह ढककर रखें। कूलर, बाथरूम, किचन आदि में जहां पानी रुका रहता है, वहां दिन में एक बार मिट्टी का तेल या मच्छर भगाने वाले स्प्रे डालें। उन्होंने कहा कि मच्छरों से बचाव करने के लिए पूरा शरीर ढंके हुए कपड़े पहनें। खासकर बच्चों को स्कर्ट और हाफपैंट वगैरह न पहनाएं। मच्छरों से बचने के प्रॉपर उपाय करें, कॉइल और मस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करें। मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी सबसे अच्छा तरीका है इससे हार्मफुल केमिकल्स का खतरा भी नहीं रहता। उन्होंने कहा कि बुखार होने पर डॉक्टर के पास जाएं और उससे उचित परामर्श लें।
उप सिविल सर्जन डा. रामभगत ने प्रजेंटेशन के माध्यम से मलेरिया पनपने के कारण, मनुष्य को काटने पर मलेरिया या डेगूं होने के लक्षण व सावधानी के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि मलेरिया होने पर कंपकंपी और ठंड के साथ तेज बुखार चढ़ जाता है। तेज बुखार, जोकि आमतौर पर एक दिन छोड़कर आता है। उलटी, कमजोरी, चक्कर आना और जी मिचलाना, सिर दर्द व शरीर दर्द करने जैसे लक्षण आते हैं। इसी प्रकार डेंगू होने पर तेज बुखार और प्लेटलेट्स जिसकी नार्मल रेंज नॉर्मल रेंज 1.5 से 4 लाख तक है, का कम होना, सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना और जी मिचलाना, शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर, लाल-गुलाबी रंग के रैशेज आदि लक्षण आते हैं। उन्होंने विभिन्न विभगों की ओर से किए जाने वाले कार्यों के बारे में भी बताया।
इस अवसर पर एसडीएम फरीदाबाद अमित कुमार, एसडीएम बल्लबगढ़ त्रिलोकचंद, सीटीएम बलिना सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।