Faridabad NCR
सामूहिक योग के साथ मानव रचना ने दिया ‘करो योग-रहो निरोग’ का संदेश
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 21 जून। मानव रचना शैक्षणिक संस्थान (एमआरईआई) में शुक्रवार को हरियाणा योग आयोग और मानव रचना सेंटर फॉर पीस एंड सस्टेनिबिलिटी के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। “स्वयं एवं समाज के लिए योग” थीम के तहत आयोजित हुए इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों, संकाय सदस्यों, छात्रों और योग प्रेमियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस दौरान सामूहिक योग कार्यक्रम, योग व ध्यान सत्र, हस्त मुद्रा सत्र का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में शामिल होने वाले सम्मानित अतिथियों में डॉ. एनसी वाधवा, महानिदेशक, एमआरईआई; डॉ. संजय श्रीवास्तव, कुलपति, एमआरआईआईआरएस; श्री आर.के. अरोड़ा, रजिस्ट्रार, मानव रचना विश्वविद्यालय; प्रो. (डॉ.) राजेश कुमार, प्रोफेसर ऑफ प्रेक्टिस, सेंटर फॉर योग, एमआरआईआईआरएस; हरियाणा योग आयोग के योग रत्न पुरस्कार (2023) विजेता व योगाचार्य श्री श्याम कुमार; श्री डी.सी. चौधरी, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी; और डॉ. गुरजीत कौर चावला, डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर, एमआरआईआईआरएस, योगाचार्य श्री जयपाल शास्त्री, सदस्य- हरियाणा योग आयोग, जिला अध्यक्ष-योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन फरीदाबाद व मंडल प्रभारी-पतंजलि योग समिति फरीदाबाद आदि शामिल रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना के साथ दीप जलाकर की गई। इसके बाद डॉ. राजेश कुमार ने सभी को सूर्य नमस्कार का अभ्यास कराया। हरियाणा योग आयोग से आईं छात्राओं ने मौके पर एक शानदार सामूहिक योग प्रदर्शन कर विभिन्न योगासनों की जानकारी दी। योग विश्व रिकॉर्ड धारक मनीषा और ओमिशा ने भी इस दौरान योग की शानदार प्रस्तुति दी। जाने-माने योग प्रशिक्षक श्याम कुमार ने उपस्थित लोगों को योगाभ्यास कराया, साथ ही प्राणायाम के बारे में भी जागरूक किया। श्री डी.सी. चौधरी ने हस्त मुद्रा पर एक सत्र का नेतृत्व किया, जिसमें मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में हस्त मुद्राओं का महत्व बताया।
डॉ. एनसी वाधवा ने कहा, “योग सिर्फ एक विधा नहीं है, बल्कि विज्ञान है। योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और इनके बीच बेहतर तालमेल बनाने का एक जरिया है। प्राचीन काल से योग भारत की पहचान रहा है, जिसे आज वैश्विक स्तर पर मनाया जा रहा है। ज़रूरी है कि इसे नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।”
डॉ. संजय श्रीवास्तव ने संबोधन में व्यक्तिगत कल्याण और सामाजिक शांति दोनों को बढ़ावा देने में योग की प्रासंगिकता पर विचार रखे। उन्होंने कहा कि योग में मन, शरीर और आत्मा को एकीकृत करने की क्षमता मौजूद है, जिससे एक बेहतर और संतुलित समाज की स्थापना हो सकती है। स्वस्थ समाज के लिए उन्होंने योग करने का संदेश दिया।
डॉ. गुरजीत कौर चावला ने कहा योग करने से शरीर निरोग रहता है, इसलिए सभी को योग के बारे में जागरूक करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजित किया गया था। उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान देने के लिए सभी उपस्थित लोगों, प्रतिभागियों और आयोजकों का आभार जताया।