Faridabad NCR
मानव रचना विश्वविद्यालय (एमआरयू) पीवाईपी, एमवाईपी और डीपी में आईबीईसी (IBEC) की पेशकश करने वाला पहला भारतीय विश्वविद्यालय बना
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 23 मई। मानव रचना विश्वविद्यालय (एमआरयू) ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए इंटरनेशनल बैकलॉरिएट एजुकेटर्स सर्टिफिकेट (IBEC) की पेशकश करने वाला पहला भारतीय विश्वविद्यालय बन चुका है। इंटरनेशनल बैकलॉरिएट ऑर्गनाइजेशन (आईबीओ) क साथ साझेदारी के तहत विश्वविद्यालय को तीनों कार्यक्रमों- प्राइमरी इयर्स प्रोग्राम (पीवाईपी), मिडल इयर्स प्रोग्राम (एमवाईपी) और डिप्लोमा प्रोग्राम (डीपी) में आईबी एजुकेटर सर्टिफिकेट कराने की मान्यता मिल चुकी है। स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ह्यूमैनिटीज, एमआरयू में बी.एड और इंटीग्रेटेड कार्यक्रम अब आईबीओ द्वारा मान्यता प्राप्त है।
शिक्षा के क्षेत्र में 27 वर्षों की समृद्ध विरासत के साथ, मानव रचना प्रशिक्षण के अंतररार्ष्ट्रीय मानकों को अपनाने में अग्रसर रहा है।
इसके साथ, एमआरयू अब दुनिया भर में आईबी एजुकेटर सर्टिफिकेट प्रदान करने वाले वैश्विक आईबीईसी विश्वविद्यालयों का हिस्सा बन गया है। स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ह्यूमैनिटीज (एसओईएच), एमआरयू के आईबी-मान्यता प्राप्त बी.एड कार्यक्रम में नामांकन कर भावी शिक्षक में शैक्षिक नवाचार, आधुनिक शैक्षिक पद्धतियों, और आईबी शिक्षा के आंकलन का अनुभव करेंगे।आईबीईसी कार्यक्रम छात्रों को भविष्य में प्रगति के पथ पर अग्रणी रहने, विविध शिक्षा पद्धतियों को अपनाने और असीमित संभावनाओं को पाने के लिए अनूठे अवसर प्रदान करता है।
यह आईबीईसी कार्यक्रम छात्रों के लिए दुनिया भर में शिक्षण पदों के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा और कार्यक्रम संसाधन केंद्र, वैश्विक सम्मेलनों और सहयोगी अवसरों सहित आईबी सामुदायिक संसाधनों तक उनकी पहुंच बनाएगा।
इस उपलब्धि पर मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला ने कहा, ” छात्र प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय स्कूलों में पढ़ाने के इच्छुक हों या फिर वैश्विक स्तर पर शैक्षिक सुधार में योगदान देना चाहते हों, यह सहयोग भावी शिक्षकों को शैक्षणिक परिदृश्य में सार्थक व सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए सशक्त बनाता है।“
मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के उपाध्यक्ष डॉ. अमित भल्ला ने कहा, “मानव रचना इंटरनेशनल स्कूलों में आईबी पाठ्यक्रम शुरू करने के बाद हमें अभिभावकों की बढ़ती आकांक्षाओं और इस पाठ्यक्रम को संचालित करने में सक्षम प्राथमिक शिक्षकों की उपलब्धता के बीच एक अंतर नज़र आया। उसी से हमें विश्वविद्यालय में ये पाठ्यक्रम शुरू करने की प्रेरणा मिली है। “
एमआरयू के कुलपति डॉ. दीपेंद्र कुमार झा ने कहा, “यह रणनीतिक कदम ना केवल दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाएगा, बल्कि स्नातकों को कई करियर बेहतर विकल्पों के अवसर भी प्रदान करेगा। एमआरयू की कोशिश राष्ट्रीय पाठ्यक्रम को अंतरराष्ट्रीय स्तर की बेहतरीन सुविधाओं के साथ जोड़कर स्नातकों के लिए स्थानीय और वैश्विक शैक्षिक परिदृश्य में सफलता के बेहतर अवसर उपलब्ध कराना है।
श्रीमती रशिमा वी. वर्मा, निदेशक शिक्षा और सीएएल, एमआरयू ने कहा, “एमआरयू और इंटरनेशनल बैकलॉरिएट ऑर्गनाइज़ेशन (आईबीओ) के बीच यह सहयोग वैश्विक स्तर पर शैक्षिक उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। एमआरयू में आईबीईसी की शुरूआत से ना केवल भावी शिक्षकों को लाभ होगा, बल्कि समग्र रूप से आईबी समुदाय भी मज़बूत होगा। आईबी कार्यप्रणाली में कुशल उच्च प्रशिक्षित शिक्षकों को तैयार करके, एमआरयू दुनिया भर में आईबी स्कूलों के विकास में योगदान दे रहा है।”
यह आईबी के साथ अक्टूबर 2023 में हस्ताक्षर किए गए एमओयू की निरंतरता में हमारे जुड़ाव का एक हिस्सा है, जिसके तहत मानव रचना यूनिवर्सिटी (एमओयू) में सेंटर फॉर एडवांस्ड लर्निंग के उद्घाटन के साथ आईबीईसी (आईबी एजुकेटर्स सर्टिफिकेट) पेश करने की योजना बनाई गई थी।
मानव रचना शैक्षणिक संस्थान हाल ही में फरीदाबाद में अपना पहला आईबी स्कूल लेकर आए हैं और आईबी के साथ एमओयू के तहत आने वाले वर्षों में विभिन्न शहरों में इन्हें शुरू करने की योजना बना रहे हैं। आईबी पाठ्यक्रम के ज़रिए व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करके, विश्वविद्यालय तेज़ी से बढ़ते वैश्विक शिक्षा परिदृश्य की मांगों को पूरा करने के लिए शिक्षकों की एक नई पीढ़ी तैयार करने में सक्षम होगा।