Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : सूरजकुंड रोड स्थित श्री सिद्धदाता आश्रम परिसर में संचालित स्वामी सुदर्शनाचार्य वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय में बसंत पंचमी का पर्व सविधि मनाया गया। वहीं श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में भी विद्या की देवी माता सरस्वती का पूजन हुआ। महाविद्यालय में पढऩे वाले बच्चों ने अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इनमें लोगों को यातायात संबंधी हिदायतें भी नाम पट्टिकाओं के माध्यम से समझाने का प्रयास किया गया। उन्होंने हिंदी, अंग्रेजी व संस्कृत भाषाओं के जरिए अनेक प्रस्तुतियां दीं। जिन्हें सभी ने सराहा। इस अवसर पर संस्कृत विद्यार्थियों के प्रथम बैच के बच्चों ने मुंडन करा भिक्षाटन की रस्म पूरी की। आश्रम के अधिपति एवं महाविद्यालय के चेयरमैन श्रीमद जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने बच्चों को दक्षिणा एवं आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में अभिभावक एवं भक्तगण मौजूद रहे।अनंतश्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर श्रीमद जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कहा कि आज के दिन माता सरस्वती का पूजन विधान है। सरस्वती का अर्थ गति में मति देने वाली है। उन्हें ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों को गति देने वाली शक्ति भी कहा गया है। ऐसा माना जाता है कि समस्त जीव जगत को बुद्धि प्रदान करने वाली मां सरस्वती ही हैं। इसीलिए उन्हेंं ब्रह्म शक्ति भी कहा गया है। इससे पहले श्री गुरु महाराज ने श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में स्थापित विद्या की देवी माता सरस्वती का पूजन कर लोकमंगल के लिए प्रार्थना की।