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मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स ने ‘वर्ल्ड लिवर डे’ के अवसर पर बताएं इस बीमारी से बचने के उपाय

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : लिवर से जुड़ी बीमारियों के बारे में लोगों को सचेत करने और जागरूक करने के मकसद से मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स ने 19 अप्रैल को वर्ल्ड लिवर डे मनाया। इस अवसर पर दुनियाभर के डॉक्टर, नीति निर्माता लिवर से जुड़ी बीमारियों के बढ़ते प्रभाव और बचाव को लेकर एकजुट होते हैं। इस साल वर्ल्ड लिवर डे की थीम ‘बी विजिलेंट गेट रेगुलर चेकअप, प्रीवेंट फैटी लिवर डिजीज’ यानी सतर्क रहें, लगातार चेकअप कराएं और फैटी लिवर की बीमारियों से बचाव करें। मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल में लिवर ट्रांसप्लांट एंड एचपीबी सर्जरी विभाग का नेतृत्व डॉक्टर पुनीत सिंगला करते हैं जो यहां डायरेक्टर व एचओडी भी हैं।

लिवर बॉडी का एक महत्वपूर्ण अंग होता है जिसका काम डिटॉक्सिफिकेशन, मेटाबोलिज्म का रेगुलेशन और महत्वपूर्ण प्रोटीन प्रोड्यूस करना होता है। यह शरीर का सबसे बड़ा अंग होता है और पूरे शरीर में फैलने से पहले खून को शुद्ध करने में लिवर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इतना अहम रोल होने के बावजूद अक्सर लिवर की हेल्थ को दरकिनार कर दिया जाता है, जिसका नतीजा ये हुआ है कि दुनियाभर में 1.5 बिलियन हर साल लिवर डिजीज से ग्रसित होते हैं। क्रोनिक लिवर डिजीज से हर साल करीब 2 मिलियन लोगों की मौत होती है. ये चिंताजनक आंकड़े बताते हैं कि लिवर की हेल्थ पर कितना ध्यान देने की जरूरत है।

लिवर की बीमारी कई कारणों से हो सकती है। जेनेटिक कारणों के अलावा अत्यधिक शराब का सेवन और वायरल इंफेक्शन के कारण लिवर डिजीज होने का रिस्क रहता है। लिवर डिजीज के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि परेशानी क्या है। फैटी लीवर की समस्या ज्यादा देखी जाती है जिसमें लिवर के अंदर फैट जमा हो जाता है. फैटी लिवर होने के संकेत हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। आमतौर पर लिवर की परेशानी होने पर थकान या मांसपेशियों की कमजोरी, भूख न लगना, वजन में कमी, पेट में सूजन, पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दिक्कत या दर्द, मतली, और त्वचा या आंखों का पीला पड़ना या आंखों का सफेद भाग (पीलिया) और लाल हथेलियां जैसे लक्षण नजर आते हैं। इसके अलावा कंफ्यूजन, मतिभ्रम, मेमोरी लॉस, खुजली वाली त्वचा, ब्लीडिंग के लक्षण भी नजर आ सकते हैं।

कुछ क्रोनिक और गंभीर लिवर की बीमारियां भी होती हैं जैसे लिवर सिरोसिस और लिवर फेल, जिनका अगर सही से इलाज न किया जाए तो जानलेवा साबित हो सकते हैं। प्रॉपर इलाज और लाइफस्टाइल के पैटर्न में बदलाव के साथ लिवर को स्वस्थ बनाए रखा जा सकता है और बीमारियों से बचाव किया जा सकता है।

डिजीज फ्री स्वस्थ लिवर के लिए शराब का सेवन कम करें, वजन को मेंटेन रखें, अनहेल्दी फूड न खाएं, रेगुलर चेकअप कराएं और समय पर टीका लगवाएं। ऐसा भी हो सकता है कि लिवर की बीमारी के लक्षणों का लंबे समय तक पता न चले लेकिन जब बीमारी एडवांस स्टेज में पहुंच जाती है तो ये नजर आते हैं। इससे इस बात का पता चलता है कि लिवर के रेगुलर चेकअप की कितनी आवश्यता है. लिवर की बीमारी में होने वाले थकान, पीलिया, या पेट की परेशानी जैसे लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है।

मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में लिवर ट्रांसप्लांट एंड एचपीबी सर्जरी विभाग के एचओडी और डायरेक्टर डॉक्टर पुनीत सिंगला ने कहा, ”वर्ल्ड लिवर डे हमें अपने लिवर की हेल्थ के बारे में सोचने और चिंता करने की याद दिलाता है. लिवर के स्वास्थ्य को सुधारने और बीमारियों को रोकने के लिए सक्रिय उपाय करना एक ऐसा कदम है जिसकी सलाह डॉक्टरों और सर्जनों द्वारा की जाती है। स्वस्थ लाइफस्टाइल की आदतों को अपनाना, लिवर को स्वस्थ रखने वाले फूड खाना और रेगुलर हेल्थ असेसमेंट करना काफी अहम है. लिवर की बीमारियों की रोकथाम व्यक्तियों को सशक्त बनाएगी और क्वालिटी ऑफ लाइफ के लिए ऑर्गन के स्वास्थ्य की रक्षा करेगी।”

लिवर ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स ने काफी बदलाव किए हैं, यहां ब्लड लेस तकनीक से ऐसा ट्रांसप्लांट किया जाता है जिसमें मरीज की कम वक्त में ही अस्पताल से छुट्टी हो जाती है। हाल के ब्लड लेस ट्रांसप्लांट मेथड में मरीज का अपना खून संरक्षित किया जाता है और उनके शरीर में वापस कर दिया जाता है। ब्लड लेस सर्जरी ने डोनर से ब्लड या ब्लड कंपोनेंट की जरूरत को खत्म कर दिया है. इन सर्जरी के दौरान, सर्जन नई और इनोवेटिक तकनीक का इस्तेमाल ब्लड लॉस को कम करते हैं, ट्रांसफ्यूजन की जरूरत इसमें नहीं पड़ती. मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल फरीदाबाद और गुरुग्राम में 10 लिवर ट्रांसप्लांट किए गए और मैरिंगो सीआईएमएस हॉस्पिटल अहमदाबाद में इस तकनीक का इस्तेमाल करते हुए 5 लिवर ट्रांसप्लांट किए गए। मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स ने न केवल भारत में, बल्कि एशिया में पहली बार पहला ब्लड लेस ऑर्गन ट्रांसप्लांट, हार्ट ट्रांसप्लांट करने में इस तकनीक का बीड़ा उठाया है।

लिवर डिजीज भारत में महामारी की तरफ फैल रही है, हर पांच एडल्ट लोगों में एक इसकी बीमारी से ग्रसित है। भारत में हर साल लिवर डिजीज से होने वाली मौतों का आंकड़ा 2,68,580 पहुंच गया है जो कुल मौतों का 3.17 प्रतिशत होता है. लिवर से होने वाली मौत का ये आंकड़ा पूरी दुनिया में होने वाली 2 मिलियन मौतों में भारत की हिस्सेदारी 18.3 फीसदी है।

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