Faridabad NCR
रविवार को फरीदाबाद में खोले जाने चाहिएं बाजार, सैलून भी खोले जाएं : भाटिया
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : फरीदाबाद व्यापार मंडल ने जिला उपायुक्त से मांग की है कि रविवार को सभी दुकानें खोली जानी चाहिएं। मीडिया को जारी प्रेस नोट में व्यापार मंडल के प्रधान जगदीश भाटिया ने कहा है कि पिछले ढाई महीने से व्यापार पूरी तरह से ठप्प हैं। दुकानदारों के बिजली बिल व अन्य खर्चे उसी रफ्तार से चल रहे हैं। व्यापारी वर्ग लॉक डाऊन की वजह से बदहाल स्थिति में आ गए हैं। इसलिए प्रशासन को रविवार को दुकानें खोलने का सरकारी निर्णय लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में वह मुख्यमंत्री मनोहरलाल, केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर , कैबिनेट मंत्री मूलचंद एवं सभी विधायकों से यह अपील करते हैं कि वह रविवार को दुकानें खुलवाने के लिए प्रशासन से कहें। इससे दुकानदारों को बड़ी राहत मिलेगी। वैसे भी प्रशासन ने राईट-लेफ्ट व ऑड-ईवन की तर्ज पर दुकानें खुलवा रखी हैं। इससे पूरा फरीदाबाद प्रतिदिन पचास प्रतिशत ही खुल रहा है। हरियाणा सरकार ने भी यही आदेश जारी किए हैं। सरकार के आदेशों में साफ है कि प्रतिदिन पचास फीसदी दुकानें ही खोली जा रही है, इसलिए रविवार को भी दुकानें खोली जानी चाहिएं। श्री भाटिया ने कहा कि व्यापार मंडल द्वारा सरकार के आदेशों को लागू करने की मांग की जा रही है। उन्होंने यह भी मांग की है कि गर्मियों के मौसम को देखते हुए प्रशासन दुकानें खोलने के समय में बदलाव किया जाए। सुबह सात से शाम सात बजे तक दुकानें खोली जानी चाहिएं। श्री भाटिया ने कहा कि फरीदाबाद में लोग बेहद परेशान हैं और खासतौर पर व्यापारी वर्ग को ढाई महीने से ठप्प पड़े व्यवसाय को दोबारा से पटरी पर लाने के लिए खासी मेहनत करनी पड़ेगी। इसलिए प्रशासन को भी व्यापारियों के हित में फैसला लेना चाहिए और रविवार को दुकानें खोलने के लिए आदेश जारी करने चाहिएं। व्यापार मंडल ने प्रशासन से कहा कि नाई, सैलून व ब्यूटी पार्लर को खोलने की नीति भी तैयार करनी चाहिए। सुरक्षा की दृष्टि से सभी नियम सख्ती से लागू कर सैलून व पार्लर खोल दिए जाने चाहिएं। इन पर काम करने वाले भी ढाई महीने से खासे दुखी हैं। रोजगार ना होने के चलते वह अपने खर्चों को लेकर परेशान हैं, ना तो वह किराया दे पा रहे हैं और ना ही ढंग से रोटी खा पा रहे हैं। इसलिए वह उपायुक्त यशपाल यादव से अपील करते हैं कि मानवता की दृष्टि से सोचें और निर्णय करें कि सभी को रोजगार का हक है, फिर सभी व्यवसाय खोल दिए गए हैं तो उन्हें भी अनुमति देनी चाहिए।