Faridabad NCR
मारवाड़ी युवा मंच फरीदाबाद ने महाशिवरात्रि पर किया छाता वितरण, 15 वर्षों से अनवरत सेवा कार्यों की प्रेरक परंपरा

Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 23 जुलाई। मारवाड़ी युवा मंच फरीदाबाद शाखा ने महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर एक अनूठी पहल करते हुए बी.के. चौक पर राहगीरों, दैनिक मजदूरी करने वालों, रेडी-पटरी व्यवसायियों व ज़रूरतमंदों को निःशुल्क छाता वितरण कर मानसून के इस मौसम में राहत पहुंचाई। वर्षा के बीच जब जीवन संघर्षमय हो जाता है, ऐसे समय में यह सेवा उन लोगों के लिए आशा की छांव बनकर सामने आई, जो अक्सर अनदेखे रह जाते हैं।
इस अवसर पर प्रांतीय अध्यक्ष विमल खंडेलवाल ने कहा कि “मारवाड़ी युवा मंच केवल एक संगठन नहीं, बल्कि मानवता का जीवंत उदाहरण है। पिछले 15 वर्षों में फरीदाबाद शाखा ने रक्तदान, पौधारोपण, कृत्रिम अंग वितरण, आर्थिक सहायता, शिक्षा प्रोत्साहन, समाज जागरूकता व आपदा राहत जैसे अनेकों कार्य किए हैं। मंच का हर साथी ‘एक देश, एक माटी’ की भावना के साथ समाज की सेवा हेतु हर पल तत्पर रहता है।”
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे फरीदाबाद शाखा अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि “हमारे पूर्वजों की परंपरा रही है कि सेवा को ही सबसे बड़ा धर्म माना जाए। आज उसी भाव को मंच के माध्यम से आगे बढ़ाने का हमें सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। यह छाता वितरण कार्यक्रम केवल एक वस्तु का वितरण नहीं, बल्कि यह संवेदना, सम्मान और सहयोग का प्रतीक है।” उन्होंने मंच के सभी कार्यकर्ताओं और समाजसेवियों का आभार प्रकट किया, जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया।
वरिष्ठ समाजसेवी श्री रोहतास जी ने मंच की सराहना करते हुए कहा कि मारवाड़ी युवा मंच का उद्देश्य केवल आयोजन करना नहीं, बल्कि समाज की पीड़ा को समझते हुए समाधान देना है। “सेवा, संस्कार और समर्पण ही इस मंच की पहचान है और फरीदाबाद शाखा ने इसे बार-बार सिद्ध किया है।”
इस पुनीत अवसर पर मंच के पूर्व अध्यक्ष नारायण शर्मा, जीतू शर्मा, प्रांतीय अध्यक्ष विमल खंडेलवाल, शाखा अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल, रोहतास कुमार, मधुसूदन माटोलिया, संजय अरोड़ा सहित समाज के कई प्रबुद्धजन उपस्थित रहे और अपने सहयोग से इस कार्यक्रम को सफल बनाया।
मारवाड़ी युवा मंच फरीदाबाद का यह कार्य आने वाले समय के लिए न केवल प्रेरणा है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देता है कि सेवा की शुरुआत कहीं से भी हो सकती है — बस मन में एक संवेदनशील भावना होनी चाहिए।