Faridabad NCR
लोक अदालत में दोनों पक्षों के आपसी राजीनामे से मामलों का होगा समझौता : सीजेएम सुकिर्ती गोयल
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 07 अगस्त। सीजेएम कम सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती सुकिर्ती गोयल ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायधीश कम चेयरमैन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वाईएस राठौर के दिशा-निर्देश पर आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में अदालतों में लंबित मुकदमों के शीघ्र निस्तारण के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आगामी 13 अगस्त को जिला फरीदाबाद में 15 जजों की अदालतों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इसमें 15 जजों की अदालतों में 138 एनआईएक्ट के लिए एक अदालत, ट्रैफिक चालान व सिविल क्रिमिनल केसों के लिए 7 अदालतों, समरी केसों के लिए दो अदालतों, लेबर कोर्ट केसों के लिए एक अदालत, फैमिली मैटर के लिए एक,सिविल इल्क्ट्रीकल केसों के लिए दो, मोटर एक्सीडेंट क्लेम केसों की सुनवाई के लिए एक, परमानेंट लोक अदालत एक और एमसीएफ लेबर कोर्ट केसों के लिए एक राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई जाएगी।
सीजीएम कम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सुकृति गोयल ने बताया कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ आशु संजीव तिन्जन की अदालत में लेबर कोर्ट केसों, सिविल जज सीनियर डिविजन महेंद्र सिंह की अदालत में परमानेंट लोक अदालत के केसों, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमित सिंह चालिया व जिला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश शर्मा की अदालतों में क्रिमिनल, सिविल तथा इलेक्ट्रिसिटी के केसों का निपटारा किया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि आगामी 13 अगस्त को राष्ट्रीय लोक अदालत में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत में मोटर एक्सीडेंट क्लेम केसों, प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट डॉक्टर यशिका की अदालत में फैमिली कोर्ट के केसों का और अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नाजर सिंह की अदालत में लेबर कोर्ट के केसों का निपटारा लोगों की आपसी सहमति से किया जाएगा।
उन्होंने आगे बताया कि अतिरिक्त मुख्य जुडिशियल मैजिस्ट्रेट हरीश गोयल व अतिरिक्त मुख्य जुडिशियल मैजिस्ट्रेट तैयब हुसैन की अदालतों में एमसीएफ व समरी के केसों का निपटान आपसी सहमति से करवाया जाएगा।
जुडिशल मैजिस्ट्रेट क्लास वन कुमारी रूपम, ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट क्लास वन कुमारी अस्मिता देशवाल, ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट क्लास वन गौरव खटाना, ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट क्लास वन कुमारी आकृति वर्मा, ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट क्लास वन कुमारी शिवानी राणा की अदालतों में ट्रैफिक चालान, सिविल व क्रिमिनल केसों का निपटारा किया जाएगा। वहीं ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास तरुण चौधरी की अदालत में 138 एनआई एक्ट के केसों का निपटारा लोगों की आपसी सहमति से किया जाएगा।
श्रीमती सुकिर्ती ने बताया कि आपसी सहमति से हल हो सकने वाले मामलों में लोक अदालत बहुत ही कारगर सिद्ध हो रही हैं। लोक अदालत में सुनाए गए फैसले की भी उतनी ही अहमियत है जितनी सामान्य अदालत में सुनाए गए फैसले की होती है। उन्होंने यह भी बताया कि लोक अदालत में सुनाए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर नहीं की जा सकती। राष्ट्रीय लोक अदालत में सस्ता और सुलभ न्याय मिलता है। इससे लोगों के धन और समय की बचत होती है। राष्ट्रीय लोक अदालतों के माध्यम से लोगों का बिना समय व पैसा गवाएं केसों का समाधान किया जाता है। राष्ट्रीय लोक अदालतों में ना तो किसी पक्ष की हार होती है और ना ही जीत। बल्कि दोनों पक्षों की आपसी सहमति से विवादों का समाधान/समझौता करवाया जाता है।