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Faridabad NCR

पत्रकारिता में आध्यात्मिकता का समावेश होने से ही मीडिया समाधान परक हो सकता है- वक्ताओं की सहमति

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 25 जनवरी। प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा स्थानीय सेक्टर 16 में स्थित राजकीय महिला महाविद्यालय तथा डी ए वि महाविद्यालय फरीदाबाद में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में, तथा ब्रह्मा कुमारी संस्था के मीडिया विंग के द्वारा चलाई जा रही अखिल भारतीय समाधान मूलक पत्रकारिता अभियान के अंतर्गत आयोजित किया गया।

समाधान परक पत्रकारिता विषय पर आयोजित इस कार्यशाला को महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर नरेंद्र कुमार, जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय पत्रकारिता विभाग के प्राध्यापक डॉक्टर सुरेश वर्मा, ब्रह्मा कुमारी संस्था के नेशनल मीडिया कोऑर्डिनेटर बीके सुशांत भाई , संस्था के सेक्टर 46 स्थित राजयोग केंद्र की निर्देशिका बीके मधु दीदी , सोशल जस्टिस फाउंडेशन के प्रेसिडेंट वरिष्ठ पत्रकार श्री राम रतन नर्वत और विभाग अध्यक्ष डॉक्टर शालिनी आदि ने सम्बोधित किए थे |

महाविद्यालय के प्राचार्य ने कॉलेज की जनसंचार विभाग के विद्यार्थियों के लिए ऐसी कार्यशाला की आयोजन को अत्यंत उपयोगी बताया और सभी अतिथियों का स्वागत किया।

प्रो सुरेश वर्मा ने पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थियों को सकारात्मक रिपोर्टिंग के बारे में बताते हुए, भारतीय संस्कृति व मूल्यवोध के ऊपर बनी शिक्षाप्रद वीडियो दिखाया। उन्होंने कहा की भौतिकवादी पाश्चात्य मूल्य, शिक्षा और संस्कृति के आधार पर बनी पत्रकारिता के पाठयक्रम में भारतीय मूल्यबोध एवं आध्यात्मिकता का पुट जरुरी है। तभी भारत के पत्रकार और पत्रकारिता मानव जीवन, प्रकृति और पर्यावरण को स्वस्थ, स्वच्छ और समृद्ध बनाने में उत्कृष्ट सकारात्मक योगदान दे सकते हैं।

बीके सुशांत भाई ने बताया कि पत्रकारिता में अध्यात्मिकता का समावेश जरूरी है। अगर मीडिया को समाधान परक बनाना है, तो पत्रकारों तथा मीडिया प्रोफेशनल्स को अपने व्यक्तिगत एवं व्यवसायिक जीवन में अध्यात्मिक मूल्य, सकारात्मक चिंतन, राजयोग ध्यान तथा सादा, स्वस्थ और सात्विक जीवन शैली को अपनाना होगा।

बीके मधु दीदी ने बताया कि पत्रकारों के संघर्षमय जीवन में चिंता, भय व तनाव को दूर करने के लिए रोज़ सुबह करीब 30 मिनट राजयोग का अभ्यास व अनुभव करना आवश्यक है। जिससे मीडिया कर्मी सारा दिन मानसिक, बौद्धिक व भावनात्मक रूप से शांत, स्थिर, स्वस्थ, सशक्त व संतुलित रहेगा और अपनी कार्यक्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दे पाएगा।

वरिष्ठ पत्रकार रामरतन नर्वत ने कहा की बदलते हुए समय व परिवेश में मीडिया के सामने नए नए चुनौतियाँ आ रही हैं। उनका सामना और समाप्ति के लिए पत्रकारों में पर्याप्त मनोवल, आत्मबल व नैतिक शक्ति की जरूरत है, जो की ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सिखाये जा रहे अध्यात्मिक ज्ञान व राजयोग के अभ्यास से ही प्राप्त किया जा सकता है।
फरीदाबाद स्थित डी ए वि महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ सविता भगत की उपस्थिति में जनसंचार के विद्यार्थियों के लिए आयोजित कार्यशाला में मुख्या वक्ता थे बी के शुशांत भाई जिन्होंने बड़ी रोचक शैली में विद्यार्थियों को सकारात्मक तथा समाधान मूलक पत्रकारिता के लाभ बताये। जीवन में सकारात्मक अपनाने मे राजयोग क्या भूमिका अदा कर सकता है इसपर प्रकाश डाला बी के मधु दीदी ने। सभी प्रतिभागी श्रोताओ के उत्साह को देखते हुए महा विद्यालय की प्राचार्या डॉ सविता भगत ने अपने उदगार और अनुभव सबके साथ सांझा किये, उनका कहना था कि ऐसे कार्यक्रम समय समय पर आयोजित होने चाहिए। इस कार्यक्रम का कुशल मंच संचालन काजल गौछवाल ने किया और डॉ रचना ने सभी वक्ताओं का धन्यवाद किया।

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