Faridabad NCR
कोरोना काल में मीडिया सकारात्मक खबरों से लोगों में पैदा कर सकता है विश्वास और जागृति : पद्मश्री आलोक मेहता
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 30 मई। कोरोना काल में मीडिया सकारात्मक खबरों से लोगों में विश्वास और जागृति पैदा कर सकता है। यह कहना है वरिष्ठ पत्रकार एवं पद्मश्री आलोक मेहता का जो आज जे.सी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा “हिंदी पत्रकारिता दिवस“ के उपलक्ष्य में आयोजित वेबिनार में मुख्य वक्ता थे। यह वेबिनार विभाग द्वारा ‘मीडिया की बात – आपके साथ’ नामक साप्ताहिक वेबिनार श्रृंखला के अंतर्गत आयोजित किया गया था। हिंदी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया, जिसमें नौ राज्यों से 165 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
‘हिंदी पत्रकारिता-कल, आज और कल’ विषय पर आयोजित वेबिनार में पद्मश्री आलोक मेहता ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता की पहली हिंदी पत्रिका उदन्त मार्तण्ड बेशक 1826 में कलकत्ता से प्रकाशित हुई किंतु इस साप्ताहिक पत्रिका ने सम्पूर्ण भारत के लोगों में भारत की आजादी की अलख जगाई। उन्होंने आगे कहा कि तब से अब तक भारतीय मीडिया में बहुत तकनीकी और सामग्री आधारित महत्वपूर्ण बदलाव हुए है। पद्मश्री आलोक मेहता ने मीडिया के छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मीडिया का क्षेत्र जितना आकर्षक है उससे ज्यादा चुनोतीपूर्ण भी है। उन्होंने उनके द्वारा रिपोर्टिंग किए गए बिहार का चारा घोटाला, बोफोर्स तोप घोटाला आदि का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसी रिपोर्टिंग करते समय हो सकता है कि आप पर बहुत सारे राजनीतिक एवं अन्य दवाब आयेंगे किंतु आपको सच्ची एवं समाजसेवी पत्रकारिता के लिए आधुनिक काल का महात्मा गांधी, जुगल किशोर शुक्ल, राजा राम मोहन राय जैसे समाजसेवी पत्रकारों का आचरण करना होगा। मुख्य वक्ता ने कुलपति से आग्रह किया कि उनके विश्वविद्यालय के संचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग को उनके जैसे पूर्ण अनुभवी पत्रकारों के लिए आधुनिक तकनीकी आधारित मीडिया में रेफ्रेशर कोर्स शुरू करने चाहिए ताकि अनुभवी पत्रकार भी मीडिया बदलती तकनीक से कदम-ताल मिला कर आगे बढ़ सके। मुख्य वक्ता ने छात्रों के प्रश्नों के संतोषपूर्वक जवाब भी दिए।
वेबिनार की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की। कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि हिंदी पत्रकारिता की जन-जन तक पहुँच है जो जनमानस से जोड़ती है। उन्होंने अपने विदेश प्रवास का अनुभव साझा करते हुए कहा कि डिजिटल मीडिया ने हिंदी पत्रकारिता की पहुँच विदेशों तक की है शायद इसी लिए हिंदी अखबार आज विश्व भर में सबसे ज्यादा प्रकाशित होते और पढ़े जाते है। कुलपति ने आगे कहा कि आज हिंदी वीडियो विदेशी मीडिया को अच्छी टक्कर दे रहा है। उन्होंने आगे कहा कि पत्रकारिता के छात्रों का भविष्य हिंदी पत्रकारिता में सुनहरा है। उन्होंने कम्युनिकेशन एंड मीडिया टेक्नोलॉजी विभाग द्वारा किये जा रहे इस प्रकार के मीडिया संवाद को उन्होंने सराहनीय प्रयास बताया। और इस प्रकार के कार्यक्रमों से वास्तव में मीडिया के विद्यार्थियों को बहुत कुछ नया सीखने को मिलेगा,ऐसा विश्वास जताया।
वेबिनार का आयोजन फैकल्टी ऑफ लिबरल आर्ट एंड मीडिया स्टडीज के डीन एवं अध्यक्ष प्रोफेसर अतुल मिश्रा की देखरेख में किया गया। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार गर्ग ने मुख्य अतिथि, विभागाध्यक्षों एवं सभी विद्यार्थियों को इस कार्यक्रम से जुड़ने के लिए साधुवाद दिया।
प्रतियोगिता में नौ राज्यों से प्रतिभागी हुए शामिल
हिंदी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में ‘मीडिया बनाम सोशल मीडिया’ विषय को लेकर फीचर लेखन, कार्टून बनाने और वीडियो निर्माण की श्रेणी में आयोजित प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर से नौ राज्यों नामतः हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार, झारखण्ड, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के प्रतिष्ठित संस्थानों से लगभग 165 प्रविष्टियां प्राप्त हुई। विजेताओं को नकद पुरस्कार तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किये गये। प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रकार रहेः
हिंदी पत्रकार दिवस पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय भोपाल के मीडिया विद्यार्थियों का शानदार प्रदर्शन रहा। कार्टून मेकिंग में माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय से मीडिया शोधार्थी राहुल साहू ने विजेता रहे। दूसरा पुरस्कार विश्वविद्यालय से अंशिता गुप्ता तथा तीसरा पुरस्कार पंखुड़ी धुर्वे एवं जे.सी बोस विश्वविद्यालय के देवंश गोस्वामी ने संयुक्त रूप से ने जीता। इसी प्रकार, वीडियो मेकिंग प्रतियोगिता में जे.सी. बोस विश्वविद्यालय से रमन जैन विजेता रहे। दूसरा पुरस्कार माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय से कपिल मिश्रा और तीसरा पुरस्कार हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय से एकता रानी ने जीता। फीचर लेखन प्रतियोगिता में महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा से अमन आकाश, दूसरा पुरस्कार माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय से सुयश मिश्रा तथा तीसरा पुरस्कार जे.सी. बोस विश्वविद्यालय से ओम सेठी ने प्राप्त किया।
हिंदी पत्रकारिता के 195 साल
हिंदी भाषा में ‘उदन्त मार्तण्ड’ के नाम से पहला समाचार पत्र 30 मई 1826 में निकाला गया था। इसलिए इस दिन को हिंदी पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है। तब से आज तक हिंदी पत्रकारिता के 195 साल पूरे हो गए हैं। इसके प्रकाशक और संपादक पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने इसे कलकत्ता से एक साप्ताहिक समाचार पत्र के तौर पर शुरू किया था। पंडित शुक्ल का हिंदी पत्रकारिता जगत में विशेष सम्मान है। यह साप्ताहिक पत्र पुस्तकाकार में छपता था और हर मंगलवार को निकलता था। इसके कुल 79 अंक ही प्रकाशित हो पाए थे कि डेढ़ साल बाद दिसंबर, 1827 को आर्थिक कठनाई के कारण इसका प्रकाशन बंद करना पड़ा। लेकिन, ‘उदन्त मार्तण्ड’ से शुरू हुए हिन्दी पत्रकारिता के सफर ने स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर अब तक राष्ट्र निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाई है।