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Faridabad NCR

जे.सी.बोस विश्वविद्यालय के मीडिया विद्यार्थियों ने म्यूज़ियो कैमरा का किया शैक्षणिक भ्रमण

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 11 अप्रैल। कैमरा केवल एक उपकरण नहीं, बल्कि बीते समय को कैद करने वाला माध्यम है। इसी भावना के साथजे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के संचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग की बीएजेएमसी द्वितीय वर्ष की विद्यार्थियों के लिए एक शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया। इस भ्रमण का नेतृत्व डॉ.सोनिया हुड्डा ने किया।
विद्यार्थियों को गुरुग्राम स्थित म्यूजियम कैमरा – सेंटर फॉर द फ़ोटोग्राफ़िक आर्ट्स ले जाया गया, जो एशिया का सबसे बड़ा कैमरा संग्रहालय है। यहाँ विद्यार्थियों ने कैमरे के विकास की यात्रा को देखा। किस प्रकार लकड़ी के डिब्बे नुमा कैमरों से शुरुआत हुई, फिर वेलोज़ वाले कैमरे आए और फिर आधुनिक डिजिटल कैमरे, विशेषकर डीएसएलआर का दौर शुरू हुआ। विद्यार्थियों को यह भी जानने का अवसर मिला कि निकॉन और कैसे और किस कैमरा कंपनियों की शुरुआत कैसे हुई और समय के साथ इन ब्रांड्स ने किस प्रकार नई तकनीकों को अपनाया। इसके साथ ही विद्यार्थियों ने गुप्त कैमरों (स्पाई कैमरा) की जानकारी भी प्राप्त की, जिसका उपयोग विशेष परिस्थितियों में किया जाता रहा है।
डार्क रूम (अंधेरा कक्ष) और प्रकाश संयोजन (लाइटिंग सेटअप) की व्यावहारिक जानकारी ने विद्यार्थियों को पारंपरिक फोटोग्राफी की गहराई से रूबरू कराया। विद्यार्थियों ने यह सीखा कि किस प्रकार रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा तस्वीरें विकसित की जाती थीं। भ्रमण के अंतर्गत एक विशेष कार्यशाला भी आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने सीखा कि कैसे सूर्य की रोशनी के माध्यम से वस्तुओं की सहायता से चित्र तैयार किए जाते हैं। यह प्रक्रिया ‘सन एक्सपोज़र’ पर आधारित थी, जिसमें बिना कैमरे के, केवल प्रकाश और वस्तु की छाया का उपयोग करके तस्वीरें बनाई जाती हैं।
इस अवसर पर कोऑर्डिनेटर सहायक प्राचार्य डॉ.सोनिया हुड्डा ने कहा कि इस शैक्षणिक भ्रमण का उद्देश्य विद्यार्थियों को पुस्तकीय ज्ञान से आगे ले जाकर कैमरे की वास्तविक तकनीक, उसका इतिहास और व्यावहारिक पक्ष समझना था। म्यूज़ियम कैमरा जैसा संग्रहालय विद्यार्थियों की सोच को व्यापक बनाने में मदद करता है।
विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ.पवन सिंह ने इस शैक्षणिक दौरे की सराहना करते हुए कहा कि कैमरा केवल एक यंत्र नहीं, बल्कि समय, कला और तकनीक का संगम है। म्यूज़ियम कैमरा जैसे संग्रहालय विद्यार्थियों को यह समझने का अवसर देते हैं कि हर चित्र के पीछे एक कहानी, एक इतिहास छिपा होता है। आज के पत्रकारों को केवल वर्तमान नहीं, अतीत को भी समझना जरूरी है, ताकि वे संवेदनशील और प्रभावशाली संचारक बन सकें। इस भ्रमण ने विद्यार्थियों को पुस्तकीय ज्ञान से बाहर निकालकर एक जीवंत अनुभव प्रदान किया, जो निश्चय ही उनके दृष्टिकोण और अभिव्यक्ति को नई दिशा देगा। यह भ्रमण विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक ही नहीं, बल्कि प्रेरणादायक भी रहा। उन्होंने कैमरे की यात्रा को करीब से देखा, समझा और महसूस किया। जो उनकी पत्रकारिता और मीडिया की शिक्षा को और सशक्त बनाएगा।

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