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Faridabad NCR

“मेडिएशन फॉर द नेशन” विशेष राष्ट्रीय अभियान, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फरीदाबाद द्वारा प्री-लिटिगेशन मध्यस्थता को बढ़ावा

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 26 अगस्त। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के निर्देशानुसार पूरे देश में “मेडिएशन फॉर द नेशन” नामक विशेष राष्ट्रीय अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य है कि लोग अपने विवादों का समाधान मध्यस्थता (Mediation) के माध्यम से करें। इस अभियान की शुरुवात 1 जुलाई 2025 से शुरू हो चुकी है जोकि 30 सितम्बर 2025 तक चलेगा। इस अभियान के अंतर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA), फरीदाबाद द्वारा लगातार जागरूकता कार्यक्रम और गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं, जिनका मकसद लोगों को मध्यस्थता की प्रक्रिया और उसके लाभों के बारे में समझाना है।

सीजेएम एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव रितु यादव ने बताया कि जिला न्यायालय, सेक्टर-12, फरीदाबाद में जज-मेडिएटर आपसी सहमति से प्री-लिटिगेशन (Pre-Litigation) मामलों का समाधान कर रहे हैं। यदि किसी व्यक्ति का मामला कोर्ट में लंबित नहीं है, फिर भी उसका किसी व्यक्ति, संस्था या सरकारी निकाय से विवाद है, तो वह प्री-लिटिगेशन मध्यस्थता के लिए आवेदन कर सकता है।

इच्छुक व्यक्ति दोनों पक्षों को साथ लेकर अदालत आ सकते हैं या अपनी आवेदन-पत्र (दरखास्त) जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को दे सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 0129-2261898 या नालसा हेल्पलाइन नंबर 15100 पर संपर्क किया जा सकता है।

सीजेएम रितु यादव ने बताया कि इस राष्ट्रीय अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि लोग बातचीत और आपसी सहमति से अपने विवादों का निपटारा करें। इससे न केवल समय और धन की बचत होती है, बल्कि न्यायालयों पर मामलों का बोझ भी कम होता है और पक्षों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बने रहते हैं।

मध्यस्थता (Mediation) के प्रमुख लाभ:

1. समय की बचत – वर्षों तक कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने पड़ते, मामले जल्दी निपटते हैं।

2. धन की बचत – लंबी कानूनी प्रक्रिया का खर्च बच जाता है।

3. न्यायालय का बोझ कम – लंबित मामलों की संख्या घटती है।

4. रिश्तों की रक्षा – विवाद होने के बाद भी आपसी संबंध बनाए रखे जा सकते हैं।

5. दोनों पक्षों की जीत (Win-Win) – समाधान आपसी सहमति से होता है, कोई भी पक्ष हारा हुआ महसूस नहीं करता।

6. अंतिम समाधान – मध्यस्थता से हुआ समझौता जब कोर्ट के आदेश से पारित हो जाता है, तो वह अंतिम होता है और उस पर आगे अपील नहीं की जा सकती।

अंत में, सीजेएम रितु यादव ने जिला के सभी नागरिकों से अपील की कि वे अपने कोर्ट में लंबित न होने वाले मामलों को भी मध्यस्थता के माध्यम से हल करें और इस सरल, सुलभ और किफायती प्रक्रिया का अधिक से अधिक लाभ उठाएँ।

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