Faridabad NCR
मिलेट मैन ऑफ इंडिया डॉ खादर वली के मिलेट आहार से आरोग्य के संदेश को जन-जन तक पहुंचाता सूरजकुंड मेला का हरियाणा मिलेट पेविलियन
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 11 फरवरी। मिलेट मैन ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर पद्मश्री डॉ. खादर वली, जिन्हें हाल ही में एसजीटी यूनिवर्सिटी, गुरुग्राम के वार्षिक दीक्षांत समारोह के दौरान सम्मानित किया गया था, की संस्था खेती विरासत मिशन ने सूरजकुंड इंटरनेशनल शिल्प मेले के 36 वें संस्करण में भाग लेकर मिलेट से जुड़े फायदों को जनता तक पहुंचाने का काम किया है।
सूरजकुंड मेला, दुनिया के सबसे बड़े शिल्प मेलों में से एक है जिसमें हस्तशिल्प, हथकरघा और भारत की समृद्धि को दर्शाया गया है और सिर्फ भारतीय कला और शिल्प ही नहीं, बल्कि 30 से भी अधिक देशों के भोजन, परिधान आदि को प्रदर्शित करने वाले स्टॉल भी आगंतुकों को रोमांचित करते हैं और इसके साथ ही देश के राज्यों के भी हस्तशिल्प को दर्शाया गया है।
खेती विरासत मिशन के कार्यकारी निदेशक उमेंद्रदत्त के साथ डा. खादर वली ने खेती विरासत मिशन के तहत सूरजकुंड मेले में हैफेड और एच आई आई डी सी के सौजन्य से हरियाणा मिलेट पेविलियन स्थापित किया, जिसका मकसद है मिलेट के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना। इस हरियाणा मिलेट पेविलियन में मिल्लेट्स प्रदर्शनी, किसान सलाह केंद्र , मिलेट कुकिंग कक्षाएं, महिलाओं के लिए मिलेट का भोजन बनाने के लिए विशेष सलाह एवं समाधान हेल्प डेस्क लगाया गया है। सुप्रसिद्ध मिलेट विशेषज्ञ मिलेट महाराज के नाम से विख्यात राम बाबू इस मेले के लिए विशेषकर हैदराबाद से आए हैं। रामबाबू के मार्गदर्शन में मिल्लेट्स के दर्जनों स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जा रहे हैं, जो खेती विरासत मिशन के स्टॉल पर उपलब्ध हैं।
इस अवसर पर भेजे अपने विशेष संदेश में डा. खादर वली ने इस बात जोर देते हुए कहा कि जैसे शरीर को डिटॉक्स करने की जरूरत होती है, वैसे ही उपजाऊ जमीन को भी डिटॉक्स की जरूरत होती है। आजकल किसानों ने कम समय में ज्यादा फायदा पाने के लिए भिन्न-भिन्न यूरिया का इस्तेमाल करके जमीन को कैंसरग्रस्त कर दिया है। इनमें से एक बाद उदाहरण है पराली जलना, जिससे भूमि के प्राकृतिक जीवाणु, पारिस्थितिकी तंत्र आदि खत्म हो जाते हैं। इसके साथ ही भविष्य के उत्पादन के लिए भूमि की उर्वरता पर भी प्रभाव पड़ता है।