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Faridabad NCR

कर्मचारियों की छंटनी के विरोध में रामचरितमानस का पाठ करेंगे विधायक नीरज शर्मा

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : एन आई टी विधानसभा क्षेत्र से विधायक नीरज शर्मा ने जेसीबी इंडिया और फरीदाबाद की अन्य कंपनियों में कर्मचारियों की छंटनी का विरोध करते हुए कहा कि शासन-प्रशासन को इसका तत्काल प्रभाव से संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान या इसके बाद कर्मचारियों की छंटनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावनाओं के विपरीत है। उन्होंने शासन-प्रशासन सहित लंदन में बैठे जेसीबी के गोरे अंग्रेजों के प्रबंधन सहित जेसीबी इंडिया के एचआर हेड जावेद अशरफ को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि छंटनी किए कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से वापस नहीं लिया और छंटनी नहीं रोकी तो वे सोमवार सुबह आठ बजे जेसीबी इंडिया के मुख्यालय के बाहर रामचरित मानस का पाठ करेंगे। इस पाठ के माध्यम से वे प्रभु श्री राम के श्रीचरण में प्रार्थना करेंगे कि ईश्वर लंदन में बैठे जेसीबी के गोरे अंग्रेजों के प्रबंधन सहित जेसीबी इंडिया के एचआर हेड जावेद अशरफ को सदबुद्धि दे।
नीरज शर्मा ने कहा कि वे फरीदाबाद की किसी भी कंपनी में छंटनी का शांतिपूर्ण और फिजिकल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि जेसीबी इंडिया फरीदाबाद की मदर यूनिट है। यदि जेसीबी में छंटनी होगी तो यहां उत्पादन भी कम होगा और इसका असर पूरे औद्योगिक नगर पर पड़ेगा। जेसीबी का जॉब वर्क करने वाली औद्योगिक इकाईयों के कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार लटकेगी। शर्मा के अनुसार जेसीबी एक बड़ा लाभ अर्जित करने वाली कंपनी रही है। फरीदाबाद में महज पांच एकड़ जमीन पर शुरू हुई यह कंपनी अब 150 एकड़ भूमि पर फैल गई है। इसके कई शहरों में प्लांट हैं। जो जमीन जेसीबी ने कोडियों के दाम पर ली थी उसका अब पांच करोड़ रुपये प्रति एकड़ का भाव है। ऐसे में यह कंपनी कभी भी घाटे में नहीं आ सकती। इस कंपनी को तो अपने कर्मचारियों को काम देकर पूरे फरीदाबाद के ही नहीं बल्कि देश के उद्योग जगत के समक्ष नजीर पेश करनी चाहिए।
नीरज शर्मा ने कहा कि रामचरित मानस का पाठ करने के पीछे उनका उद्देश्य सिर्फ इतना है कि कर्मचारियों की छंटनी करने वालों को ईश्वर सदबुद्धि दे क्योंकि वे हड़ताल, सरकारी या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, रास्ता रोकने के सख्त खिलाफ हैं। शासन-प्रशासन से भी उम्मीद रहेगी कि वह इस संकट के दौर में कर्मचारियों को न्याय दिलवाए।
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