Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : हरियाणा में स्कूल स्तर पर स्किल एजुकेशन का मॉडल तैयार हो गया है। इसके लिए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने पाठ्यक्रम सहित पूरा प्रारूप बना लिया है। प्रथम चरण में स्किल एजुकेशन छठी से आठवीं कक्षा तक लागू होगी। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू ने इनोवेटिव स्किल स्कूल का पूरा खाका और पढ़ाए जाने वाले विषय प्रदेश सरकार के सामने प्रस्तुत किए हैं। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की स्वीकृति से 10 जिलों में अगले सत्र से इनोवेटिव स्किल स्कूल शुरू हो जाएंगे।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय देश की पहली स्किल यूनिवर्सिटी है और अब यही विश्वविद्यालय देश में पहली बार इनोवेटिव स्किल स्कूल का प्रणेता बनने जा रहा है। इसकी रूपरेखा बन कर तैयार हो गई है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू ने इनोवेटिव स्किल स्कूल की पूरी योजना रचना तैयार की है। उन्होंने कहा कि यह स्कूल देश में स्किल एजुकेशन की नर्सरी साबित होंगे। भविष्य में इन्हें स्किल इको सिस्टम के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में भी विकसित किया जा सकेगा। इनोवेटिव स्किल स्कूल के माध्यम से नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क के अनुसार नई पीढ़ी कौशल को औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ धारण करेगी। इन स्कूलों के माध्यम से केजी टू पीजी तक स्किल एजुकेशन का मॉडल साकार किया जा सकेगा।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू ने कहा कि इनोवेटिव स्किल स्कूल के अस्तित्व में आने के बाद ड्रॉपआउट की चुनौती से भी पार पाया जा सकेगा। यदि फिर भी कुछ ड्रॉप आउट होता है, तो इन स्कूलों से निकलने वाले विद्यार्थी स्किल्ड होंगे और अपने स्किल के हिसाब से रोजगार के क्षेत्र में अपनी जगह बना सकेंगे। उन्होंने स्कूली स्तर पर स्किल एजुकेशन लागू करने की स्वीकृति देने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का आभार जताया। कुलपति श्री राज नेहरू ने कहा कि यह मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की दूरदृष्टि के कारण संभव हो पाया है। इससे स्कूली शिक्षा की दिशा और दशा बदलेगी।
स्कूल में होंगे प्रोफेशनल विषय
इनोवेटिव स्किल स्कूल एक तरह से देश में व्यवसायिक शिक्षा की नर्सरी के रूप में भी काम करेंगे। इसमें विद्यार्थियों को स्कूल शिक्षा के दौरान ही ऐसे प्रोफेशनल विषय पढ़ाए जाएंगे, जो आगे उनके करियर का आधार बनेंगे। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू ने बताया कि इनोवेटिव स्किल स्कूल के सब्जेक्ट इसी को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं, ताकि विद्यार्थी उच्चतर शिक्षा तक पहुंचते-पहुंचते अपने आप को एक कुशल पेशेवर के रूप में विकसित कर सकें। श्री नेहरू ने बताया कि छठी से आठवीं तक के लिए जो विषय प्रस्तावित किए गए हैं, उनमें आईटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजाइन मेकिंग, ब्यूटी वेलनेस, हैंडीक्राफ्ट, मास मीडिया, ट्रैवल एंड टूरिज्म, फाईनेंशियल लिटरेसी और मार्केटिंग कमर्शियल एप्लिकेशन शामिल हैं। श्री राज नेहरू ने बताया कि यह सभी विषय और पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति के अनुरूप बनाए गए हैं। इनका सृजन नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क ऑफ स्कूल एजुकेशन के अनुसार किया गया है।
अलग होगा टीचिंग मेथड -राज नेहरू
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू ने बताया कि इनोवेटिव स्किल स्कूल में टीचिंग मेथड अलग होगा। इसके माध्यम से विद्यार्थियों को कौशल और तकनीक के साथ-साथ इस तरीके से तैयार किया जाएगा, ताकि वो उच्चतर शिक्षा में भी व्यवसायिक विषयों का अध्ययन कर स्वयं को इंडस्ट्री और कारपोरेट की मांग के हिसाब से तैयार कर सकें। श्री राज नेहरू ने बताया कि इनोवेटिव स्किल स्कूल में विद्यार्थियों का श्रवण कौशल, भाषण कौशल, वाचन कौशल और लेखन कौशल विकसित करने के साथ-साथ उन्हें सृजनात्मक चिंतन के लिए भी तैयार किया जाएगा। इन स्कूलों की स्कूलिंग इस तरीके से होगी कि विद्यार्थी की निर्णय निर्माण की क्षमता और कल्पनाशीलता को विकसित किया जा सके। क्लास एक्टिविटी से लेकर लैब एक्टिविटी और प्रोजेक्ट आधारित शिक्षण इनोवेटिव स्किल स्कूल की शिक्षण विधि को अन्य स्कूलों से अलग और अधिक उपयोगी बनाएगी। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय स्किल स्कूल का सफल और अभिनव प्रयोग कर चुका है। इसी अनुभव पर आधारित इनोवेटिव स्किल स्कूल अब प्रदेश के 10 जिलों में भी शुरू होंगे। यह स्कूल निचले स्तर की शिक्षा में कौशल विकसित करने का नया आयाम जोड़ेंगे।