Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय बड़े स्तर पर एंटरप्रेन्योर तैयार करेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के साथ एमओयू साइन किया है। कुलपति श्री राज नेहरू की उपस्थिति में कुलसचिव प्रोफेसर आर. एस. राठौड़ ने सिडबी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. शुभ्रांशु शेखर आचार्य के साथ समझौता पत्र का आदान-प्रदान किया।
कुलपति श्री राज नेहरू ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की इस पहल से हरियाणा में एंटरप्रेन्योरशिप का नया युग शुरू होगा। सिडबी का सहयोग इसमें भूमिका निभाएगा। इसके लिए एसवीएसयू स्किल इनोवेटर्स फाउंडेशन की स्थापना की गई। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किए गए नए स्किल कोर्स और ट्रेनिंग से प्रदेश में उद्यमिता के लिए जमीन तैयार हो चुकी है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय नए रोजगार के सृजन के उद्देश्य से उद्यमी तैयार करेगा। इस पर जल्दी काम शुरू होगा। श्री राज नेहरू ने कहा कि हरियाणा में एंटरप्रेन्योरशिप की अनंत संभावनाएं हैं। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय इसकी धुरी बनेगा। उन्होंने कहा कि एंटरप्रेन्योरशिप प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की प्राथमिकताओं में है। इसी दिशा में विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने यह संकल्प लिया है।
सिडबी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. शुभ्रांशु शेखर आचार्य ने कहा लघु उद्योग को विकसित करने से रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी। सिडबी नए उद्यम के विकास के लिए आर्थिकी का प्रबंधन करेगा। हमारा उद्देश्य ऐसे एंटरप्रेन्योर तैयार करना है, जो न केवल अपने लिए रोजगार खड़ा करें, बल्कि दूसरों को भी रोजगार दें। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। डॉ. शुभ्रांशु शेखर आचार्य ने कहा कि देश की सबसे पहली स्किल यूनिवर्सिटी होने के नाते श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय देश को कुशल और प्रशिक्षित मानवीय संसाधन दे रहा है। इनमें से और प्रदेश भर से एंटरप्रेन्योर तैयार किए जाएंगे। सिडबी श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ एमओयू करके नई संभावनाएं देख रहा है।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर आर. एस. राठौड़ ने एमओयू पर हस्ताक्षर करने के पश्चात कहा कि
प्रदेश में उद्यमिता को विकसित करने की दिशा में यह महत्त्वाकांक्षी कदम साबित होगा। हमारा उद्देश्य राष्ट्रीय प्रगति के निमित्त रोजगार के नए सृजन करना है। इसी कड़ी में हम कुशल और प्रशिक्षित मानवीय संसाधन तैयार कर रहे हैं, लेकिन रोजगार को बढ़ावा देने के लिए एंटरप्रेन्योरशिप अत्यंत आवश्यक है। सिडबी के सहयोग से हम इस काम को और गति से कर पाएंगे। प्रोफेसर राठौड़ ने इस एमओयू के लिए सिडबी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. शुभ्रांशु शेखर आचार्य और विकास एवम् प्रभाव प्रबंधक मोहम्मद एहसान आदिल का आभार ज्ञापित किया।
एसवीएसयू स्किल इनोवेटर्स फाउंडेशन के संयुक्त निदेशक अम्मार खान ने बताया कि नए उद्यमी तैयार करने के लिए पूरे प्रदेश से आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे, जिनके आईडिया अनूठे होंगे स्क्रीनिंग करने के बाद उनका चयन किया जाएगा और फिर उन्हें 6 महीने की ट्रेनिंग देंगे। नया उद्यम स्थापित करने के लिए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय उन्हें सहयोग देगा। हमारा प्रयास रहेगा कि प्रदेश में उद्यम के क्षेत्र में उत्कृष्टता लाई जाए।
इस अवसर पर डीन एकेडमिक प्रोफेसर ज्योति राणा, इंडस्ट्री इंटीग्रेशन के संयुक्त निदेशक विनीत सूरी, एसीडी की संयुक्त निदेशक अंबिका पटियाल, ओएसडी संजीव तायल, फाउंडेशन के अतिरिक्त उप निदेशक विनोद कुमार और सोनल मोदी भी उपस्थित थे।