New Delhi Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : ‘बजरंगी भाईजान’, ‘दंगल’, ‘पीके’, ‘रॉकस्टार’ और ‘कबीर सिंह’ जैसी तमाम अन्य फिल्मों की कास्टिंग करने वाले बॉलिवुड के जान-माने कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा अब दिल्ली में भी अपनी कास्टिंग की कंपनी शुरू कर रहे हैं। दिल्ली में अपना ऑफिस शुरू करने के पीछे मुकेश की मंशा यह है कि उत्तर भारत में उभरते कलाकारों को फिल्मों में काम मिलने में आसानी हो।
मुकेश कहते हैं, ‘दिल्ली और उत्तर भारत के कई शहरों के कलाकारों को कई बार सिर्फ एक ऑडिशन के लिए मुंबई आना पड़ता है, छोटे शहरों से आने वाले इन कलाकारों का खर्चा ट्रैवलिंग और होटेल में खूब होता है। ऐसे में दिल्ली में मेरा ऑफिस शुरू हो रहा है, अब यहां के कलाकारों को बार-बार मुंबई ट्रैवल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।’
हमेशा से ही फिल्म इंडस्ट्री में उत्तर भारत के तमाम दिग्गज कलाकारों का बोलबाला रहा है। खास तौर पर दिल्ली की बात की जाए तो पिछले कुछ दशकों में शाहरुख खान, आयुष्मान खुराना, अपारशक्ति खुराना, कृति सेनन, राजकुमार राव, हुमा कुरैशी, साकिब सलीम और स्वरा भास्कर जैसे तमाम और ऐक्टर्स फिल्म इंडस्ट्री में बड़ा नाम कमाया है। मुकेश कहते हैं, ‘जब दिल्ली में टैलंट की भरमार है तो जरूरी है कि वहां हमारा ऑफिस हो, इसलिए हम अपना एक ब्रांच दिल्ली में शुरू कर रहे हैं। मैंने खुद कई बेहतरीन कलाकारों की खोज की है, जो दिल्ली से रहे हैं।’
मुकेश कहते हैं, ‘फिल्म की कास्टिंग को मैं किसी बिजनस की तरह नहीं देखता हूं, मेरे लिए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी की तरह है। दिल्ली या भारत के दूसरे शहरों से मुंबई पहुंचने वाले इन ऐक्टर्स का बहुत पैसा सिर्फ मुंबई की ट्रैवलिंग और वहां रहने में खर्च हो जाता है। यह वक्त उनके स्ट्रगल का होता है। दिल्ली में हमारा ऑफिस होने के बाद तमाम नौजवान ऐक्टर्स के लिए बड़ी सहूलियत हो जाएगी। मेरी खुद की परवरिश और पढ़ाई दिल्ली में हुई है। आज मैं जो कुछ हूं वह दिल्ली शहर की देन है। ऐसे में अब मेरा भी फर्ज है कि मैं कुछ अच्छा दिल्ली के लिए करने की कोशिश करूं। मेरे ऑफिस खोलने की शुरुआत इस दिशा में पहला कदम है।’
मुकेश ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के में दिल्ली में ऑफिस शुरू करने की जानकारी शेयर करते हुए लिखा, ‘बहुत से अभिनेता दिल्ली से मुंबई आते हैं। यह टैलंट दिल्ली के कई अलग-अलग थिअटर ग्रुप से आता है। दिल्ली शहर प्रतिभा से भरे युवाओं का शहर है। अब इस प्रतिभा को दिल्ली से मुंबई ट्रैवल करने की जरूरत नहीं है। अब हम दिल्ली में अपने परमानेंट ऑफिस के साथ आ रहे हैं। आपका आशिर्वाद चाहिए। सब लोग बार-बार बोलते थे दिल्ली आ जाओ, लो आ गया दिल्ली।’