Faridabad NCR
भ्रष्टाचार की चरम सीमा पर पहुंचा नगर निगम विभाग : गौरव चौधरी
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 18 अगस्त फरीदाबाद का नगर निगम विभाग भ्रष्टाचार के मामले में सफेद हाथी बनकर खड़ा है। यहां कब, कहां और कैसे लाखों करोड़ों का घोटाला हो जाए, इस बात का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। खुद निगम मुखिया तक को भी इस बारे में पता नहीं लग पाता है। इस बात का अंदाजा हाल में नगर निगम की फाइनेंस ब्रांच में हुए अग्निकांड और फरीदाबाद शहर में विकास कार्यों को देखकर लगाया जा सकता है। मंगलवार को युवा नेता गौरव चौधरी ओल्ड फरीदाबाद में जलभराव एवं निगम अधिकारियों की लापरवाही को देखने सडक़ों पर उतरे। उन्होंने आरोप लगाया कि किस प्रकार नगर निगम अधिकारी एवं कर्मचारी लोगों की जेबों पर डाका डाल रहे हैं और सुविधाओं के नाम पर उनको जीरो दे रहे हैं। गौरव चौधरी ने कहा कि पिछले दिनों भाजपा के कुछ पार्षदों द्वारा 30 करोड़ के विकास कार्य और 80 करोड़ की देनदारी की खबर प्रिंट व इलैक्ट्रोनिक मीडिया में सुर्खियां क्या बनी, भ्रष्टाचार में गर्त तक डूबे कर्मचारियों के पसीने सूखने का नाम नहीं ले रहे थे। नेक और ईमानदार छवि के धनी निगम कमिश्नर डा. यश गर्ग ने भ्रष्टाचार और गबन के सभी मामलों की जांच का जिम्मा निगम के शीर्ष अधिकारियों अथवा जिला के एसडीएम को सौंपा, तो इन अधिकारियों व कर्मचारियों की नींद हराम हो गई। करोड़ों रुपए हजम कर गए इन अधिकारियों को जब कुछ नहीं सूझा तो फिल्मी अंदाज में 16 अगस्त को अचानक अकाउंटस डाटा विभाग में आग लग जाती है। इस आग में निगम ठेकेदारों की करोड़ों रुपए की देनदारी और बिलों के अलावा नगर निगम का बरसों पुराना डाटा फीड था। यह खबर भी सुर्खियों में रही और हर कोई यह जानने का इच्छुक था कि यह आग लगी या लगाई गई। इसके लिए निगम कमीश्नर डा. यश गर्ग ने एसीएमसी, संयुक्त आयुक्त, निगम के चीफ इंजीनियर, एसई, एक्सईएएन, एसडीओ, जेईयों के अलावा अग्निशमन विभाग के अधिकारियों को विभिन्न कोनों से जांच का जिम्मा सौेंपा। सभी विभागीय अधिकारी आग के कारणों की रिपोर्ट 20 अगस्त तक निगम कमीश्नर को सौंपेंगे, तब पता चलेगा कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी या सुनियोजित षडंयत्र के तहत करोड़ों रुपए की बंदरबांट छिपाने के लिए लगाई गई। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो नगर निगम में दर-परत दर घोटाले उजागर हो रहे हैं, दूसरी तरफ निगम प्रशासन द्वारा शहर में किए जा रहे विकास कार्यों में बरती जा रही कोताही के चलते लोग त्राहि-त्राहि करने को मजबूर हो गए हैं।