Faridabad NCR
राष्ट्रीय व शिल्पगुरु पुरस्कार से सम्मानित शिल्पकार तंजावुर चित्रकारी को दे रहे हैं बढ़ावा
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 10 फरवरी। तमिलनाडू के शिल्पकार पनीरसेल्वम तंजावुर चित्रकारी को देश विदेश में पहचान दिलवा रहे हैं। वर्ष 2011 में राष्ट्रीय पुरस्कार तथा 2019 में शिल्पगुरु पुरस्कार से सम्मानित 60 वर्षीय शिल्पकार वर्ष 2003 से सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला में पहुंचकर पर्यटकों को अपनी पेंटिंग्स की ओर आकर्षित कर रहे हैं। शिल्पकार की दो पीढियां इस चित्रकारी को आगे बढ़ा रही हैं।
पनीरसेल्वम शिल्प मेला के स्टाल नंबर 955 पर अपनी पेंटिंग्स को प्रदर्शित कर रहे हैं। वे 50 मजदूरों के साथ चित्रकारी के कार्यों में लगे हुए हैं। वे प्रति मेला लगभग 200 पेंटिंग्स सूरजकुंड मेले में बेच रहे हैं। इनकी पेंटिंग्स 8000 रूपये से 8 लाख रूपये तक की कीमत की हैं। पेंटिंग्स में प्लाईवुड, 24 कैरट गोल्ड फॉयल, चाक पाउडर, इमली बीड्स, अरेबिकम गम, फेविकोल, कॉटन क्लोथ तथा कैमल्स रंगों का प्रयोग किया जाता है। इन पेंटिंग्स के फ्रेम टीक वुड से तैयार किये जाते हैं जो बहुत मज़बूत होती हैं।
छोटी से बड़ी पेंटिंग बनाने में शिल्पकार को 20 दिन से 6 महीने का समय लग जाता है। इनके दादा वीरमणि ने इस पेंटिंग का कार्य शुरू किया था, जो पूरा परिवार आगे बढ़ा रहा है। शिल्पकार अपनी पेंटिंग्स को विभिन्न मेलों, प्रदर्शनियों, नियमित ग्राहकों को बिक्री करने के साथ साथ विदेशों जैसे अमेरिका, कनाडा, सिंगापूर, मलेसिया एवं जर्मनी में भी निर्यात कर रहे हैं।