Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 27 सितम्बर। राष्ट्रीय बाल सरक्षण कमीशन ने वीसी के जरिये फरीदाबाद जिला में कोपटा और ड्रग्स कन्ट्रोल के लिए किए गए प्रबंधों की समीक्षा की। उन्होंने वीसी में फरीदाबाद में प्रशासन द्वारा किये गये प्रबन्धो की भूरी भूरी प्रशंसा की।समीक्षा वीसी के बाद सीइओ जिला परिषद आशिमा सांगवान ने बैठक में अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिए।सीईओ ने प्रशासनिक, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कोटपा के नियमों की बेहतर पालना के क्रियान्वयन के लिए मंत्रणा भी की।
बता दें कि डीसी विक्रम सिंह के कुशल मार्गदर्शन में कोपटा की कानूनी हिदायतों के अनुसार 5000 रुपये का जुर्माना तथा पांच साल तक जेल का प्रावधान किया गया है।
सीइओ जिला परिषद आशिमा सांगवान ने अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि अब जिला में अवैध नशा बेचने वालों के खिलाफ तुरंत कार्यवाही गंभीरता से करें। उन्होंने प्रशासनिक, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों संग कोटपा के नियमों की बेहतर पालना के क्रियान्वयन के लिए मंत्रणा के साथ साथ समीक्षा भी की।
– कोटपा के ये नियम हैं –
जिला में धूम्रपान निषेध ऑफ का अधिनियम के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने हुए और सिगरेट की खुली बिक्री पर पूर्णतया प्रतिबंध है। यदि कोई ऐसा करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ अनुसार आता अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। वहीं सिगरेट एवं अन्य तंबाकू प्रोडक्ट्स एक्ट (कोटपा) 2003 के तहत कैद /जुर्माना लगाने का प्रावधान है। सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट पीने पर और कोटपा के नियमों का उल्लंघन करने पर प्रति उल्लंघन 200 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। वहीं नियमानुसार होटल, रेलवे स्टेशन, राजकीय, निजी कार्यालय, बस अड्डे, सिनेमा हॉल, विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय सहित सभी सार्वजनिक स्थानों की सीमा के भीतर सार्वजनिक स्थान के स्वामी, प्रबंधक अथवा प्रभारी द्वारा धूम्रपान नही होने देना चाहिए।
सार्वजनिक स्थान पर सही आकार व संख्या में अधिनियम अनुसार ‘धूम्रपान मुक्त क्षेत्र’ के चेतावनी बोर्ड न लगाना, मुख्य द्वार पर लगे चेतावनी बोर्ड पर नोडल अफसर का नाम, फोन नंबर लिखा होना जरूरी है। सार्वजनिक स्थानों पर ऐश-ट्रे, लाइटर, माचिस इत्यादि धूम्रपान के प्रमाण पाए जाने पर तथा कू उत्पादों का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष ढंग से बोर्ड लगाना और टीवी चैनल पर प्रचार प्रसार के लिए, प्रथम उल्लंघन करने पर 2 वर्ष के कारावास का प्रावधान किया गया है। किसी भी सार्वजनिक स्थान पर पैफलिट, स्टीकर होर्डिंग इत्यादि द्वारा विज्ञापन करने पर 1000 रुपए तक जुर्माना तम्बाकू उत्पादों का प्रचार (Promotion) अधिनियम में शामिल है। यह उल्लंघन करने पर 5 वर्ष का कारावास तंबाकू कंपनियों से प्रयोजन/Sponsorship लेना भी शामिल है। कोपटा की हिदायतों के अनुसार 5000 रुपये की धनराशि तक का जुर्माना और तंबाकू उत्पाद बेचना तथा उससे बिकवाना प्रति उल्लंघन 200 रुपये तक धनराशि का प्रावधान किया गया है।
– शैक्षणिक संस्थानों के लिए ये हैं नियम –
सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार शैक्षणिक संस्थान के बाहर अधिनियम अनुसार चेतावनी बोर्ड न होना, उस तम्बाकू उत्पाद को बनाना या बेचना जिस पर अधिनियम निर्माता के लिए दण्ड अनुसार चित्र सहित स्वास्थ्य चेतावनी न छपी हो तो अप्रैल 2016 प्रथम बार 2 वर्ष तक की कैद सजा भी सुनाई गई है। इसके बाद सभी तम्बाकू उत्पादों के पैकेट पर दोनों तरफ अधिनियम तथा /या 5000 रुपए तक जुर्माना अनुसार मुख्य भाग पर 85 प्रतिशत चित्र सहित स्वास्थ्य चेतावनी या दो से 5 वर्ष तक की कैद हो सकती है या 10 हजार रुपये तक जुर्माना शामिल है। वहीं खुली सिगरेट, बीड़ी अथवा अन्य तंबाकू उत्पाद बेचने पर विक्रेता को दण्ड प्रथम बार 1 वर्ष तक की कैद तथा/या 1000 रुपये तक जुर्माना शामिल है।इसी प्रकार 2 वर्ष तक की कैद हो सकती है। वहीं द्वितीय बार तथा तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को नियमित रूप से न चलाने पर प्रावधान है। जुनाईल जस्टिस एक्ट (2015) (बाल न्याय अधिनियम-
2015 के अंतर्गत अव्याक को तंबाकू उत्पाद बेचने/पेश करने पर कार्यवाही करना। प्वाइजन एक्ट (विध अधिनियम) के अंतर्गत ई-सियेट व हुक्का बार पर कार्यवाही करना शामिल हैं। इसके अलावा मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत गाड़ी/वाहन चलाने पर में सिगरेट पीने पर कार्यवाही करना शामिल है।
नशे की काला- बाजारी के अंतर्गत तंबाकू विक्रेताओं पर नकेल कसने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम- 2006 में शामिल है। कोटपा के तहत पुलिस विभाग लोगों चालान कर रही है। कोटपा के तहत सार्वजनिक केंद्र जो लोग इस नशे की आदत को छोड़ना चाहते हैं, उनके लिए यह बहुत मदद करेगा। मदद मांगने वालों के लिए नागरिक अस्पताल के कमरा नंबर 23 में एक काउंसलर उपलब्ध रहता है। ऐसे लोगों के लिए जल्द ही वर्निसिलिन जैसी दवाएं उपलब्ध कराई जा रही है । जरूरतमंदों विशेषकर जो युवा हैं और धूम्रपान छोड़ने के इच्छुक हैं। उन्हें टीसीसी को भेज सकते हैं। जहां एक ही छत के नीचे मानसिक और चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। यह जिला को तंबाकू मुक्त बनाने की दिशा में एक छलांग है और स्वस्थ जीवन की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह बताना भी एक अमूल्य क्षण है।
समीक्षा वीसी में एसीपी राजीव कुमार, जिला बाल संरक्षण अधिकारी गरिमा,डी सीओ सन्दीप गुलिया, डी सीओ पूजा चौधरी सहित अन्य प्रशासनिक तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गण उपस्थित रहे।