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“राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: मूल्यांकन पैटर्न की संस्कृति में परिवर्तन” परराष्ट्रीय ई-सम्मेलन

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : राधाकृष्णन आयोगद्वारा कहा गया हैकि ‘अगर शिक्षा में एक बात सुधार की जानी है तो यह परीक्षा प्रणाली है। समय के साथ भारत परीक्षा से मूल्यांकन की ओर बढ़ रहा है। नई शिक्षा नीति 2020 में सभी छात्रों के सीखने और विकास के अनुकूलन के लिए मूल्यांकन में बदलाव पर जोर दिया गया है। मूल्यांकन पर प्रैक्टिशनर के नजरिए को समझने के लिए, डीएवी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, फरीदाबाद ने26 फरवरी, 2021 को“राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: मूल्यांकन पैटर्न की संस्कृति में परिवर्तन” परराष्ट्रीय ई-सम्मेलन का आयोजन किया।

डीएवी की परंपरा के रूप में सत्र की शुरुआत गायत्री मंत्र के मंत्रोच्चारण के साथ हुई। सुश्री कनिका दुग्गल ने श्री वेद प्रकाश, उपाध्यक्ष (डीएवीसीएमसी), पूर्व अध्यक्ष (यूजीसी), सुश्री रितु सिंह शर्मा, सीबीएसई की संयुक्त सचिव, डॉ संजीव शर्मा, डीएवीआईएम के प्रधान निदेशक डॉ. रितु गांधी अरोड़ा, वाइस प्रिंसिपल और इस दिनसभी सम्मानित वक्ताओं कास्वागत किया ।इस सत्र मेंदिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रामा सम्मानित अतिथिथी। इस सत्र में डीएवी मॉडल स्कूल चंडीगढ़ की प्रिंसिपल सुश्री अनुजा शर्मा, सेंट जेवियर्स हाई स्कूल गुरुग्राम की हेड सुश्री सारिका राहुल चोपड़ा, डीएवी राव हरिश्चंद्र आर्य पब्लिक स्कूल नागपुर की प्राचार्यश्रीमती जयश्री खांडेकर, सागर स्कूल राजस्थान की प्राचार्य डॉ.अमलन साहा,ग्रीनवुड पब्लिक स्कूल, गुरुग्रामकी प्राचार्यसुश्री ज्योति शर्मा,डीपीएस इंटरनेशनल साकेत, दिल्लीकीवाइस प्रिंसिपलसुश्री श्रावणी राव,डीएवी स्कूल एनएच-3, एनआईटी, फरीदाबादकी प्राचार्य सुश्री ज्योति धैया, सनसिटी स्कूल , गुरुग्रामकीनिदेशकश्रीमती रूपा चकरवटीशामिल थीं।

सीबीएसई की संयुक्त सचिव आईआरएस रितु शर्मा ने माना कि वर्तमान बोर्ड परीक्षाओं में अंकों पर काफी जोर दिया गया है। उन्होंने इसमें बदलाव के लिए सीबीएसई द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर प्रकाश डाला । श्री वेद प्रकाश जी ने बताया कि एनईपी-2020 – नियमित, प्रारंभिक और योग्यता आधारित मूल्यांकन,छात्रों के सीखने और विकास को बढ़ावा देने और उच्च क्रम कौशल-विश्लेषणका परीक्षण करने, महत्वपूर्ण सोच और वैचारिक स्पष्टतापर केंद्रित है । एनईपी-2020 का लक्ष्य मूल्यांकन की संस्कृति को बदलना है।

वक्ताओं ने उल्लेख किया कि परीक्षा का पैटर्न बहुत लंबे समय से अपरिवर्तित बना हुआ है । छात्रों के लिए मुख्य उद्देश्य अच्छे अंक प्राप्त करना बन गया है । समाज भी उच्च अंक प्राप्त करने वालों को तरजीही व्यवहार देता है । उन्होंने कहा कि यह समय है कि परीक्षा का मुख्य उद्देश्य छात्रों के सर्वांगीण विकास की ओर बढ़ना चाहिए और कहा कि मूल्यांकन से दक्षताओं की प्राप्ति में आसानी होनी चाहिए । सत्र काफी आकर्षक रहा और श्रोताओं के प्रश्नों को वक्ताओंकाविधिवत रूप से उत्तरदिया।

इस सत्र का समापन सभी हितधारकों से एनईपी-२०२० के सफल कार्यान्वयन के लिए मिलकर काम करने काआह्वान करते हुए  किया गया जोकि260 million  छात्रों, उनके माता-पिता , शिक्षक और स्कूल की आकांक्षाओं को पूरा करने में मदद करेगा।

डीएवीआईएम के प्रिंसिपल डायरेक्टर डॉ संजीव शर्मा ने कार्यक्रम के आयोजकों डॉ रितु गांधी अरोड़ा, रजिस्ट्रार एंड वाइस प्रिंसिपल, डीन एफडीपी सेल, डॉ मीरा अरोड़ा ,डीन स्टूडेंट सपोर्ट, डॉ पूजा कौल- डीन- इनोवेशन सेल, डॉ जूही कोहली, एचओडी, बीबीएकैमविभागऔर पूरी टीमको इस महत्वपूर्ण विषय परवेबिनार रखने केइस अनूठे विचार के साथ आने के लिए बधाई दी।। उन्होंने डॉ आशिमा टंडन, डॉ भावना शर्मा, डॉ पारूल नागी, सुश्री रितु गौतम, सुश्री पूजा गौड़, सुश्री पूनम सिंह, सुश्री नेहा शर्मा, डॉ कविता गोयल, सीए भावना खत्री, डॉ आशीष गोयलकेसमर्पित योगदान और समर्थन के लिएउनके प्रयासों की सराहना की। दिन की मॉडरेटर सुश्री कनिका दुग्गल ने सत्र का समापनतकनीकी सहायताके लिएश्री हरीश रावत, श्री गौरव कौशल और श्री सचिन नरूलाकाऔर मीडिया का समर्थन करने के लिए सुश्री रीमा नांगिया, डॉ जूही कोहली और सुश्री वंदना जैन काधन्यवाद व्यक्त करते हुए किया।

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