Faridabad NCR
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत को बना सकती है विश्वगुरु : स्वामी अद्वैतानंद गिरि जी
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : डीएवी शताब्दी महाविद्यालय फरीदाबाद के सभागार में ऑल इंडिया ऑफ वॉइस चांसलर एंड एकेडमीन्स नई दिल्ली और यूथ क्लब एंड संस्कृत सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय संस्कृति एवम संस्कारों की श्रेष्ठता विषय पर व्याख्यान माला का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि जेसी बोस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एस के तोमर रहे। विशिष्ट अतिथि एआईएवीसीए के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जेएनवीयू के पूर्व कुलपति डॉ लोकेश शेखावत थे। अध्यक्षता डीएवी कॉलेज की प्राचार्य डॉ सविता भगत ने की। एआईएवीसीए के महासचिव डॉ रणदीप सिंह, प्रकाश मिश्रा मंचस्थ रहे। सर्वप्रथम अतिथियों ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। एआईएवीसीए के राष्ट्रीय अध्यक्ष लोकेश शेखावत ने संस्था के बारे में जानकारी दी। मुख्य वक्ता स्वामी ने बोलते हुए कहा कि आज भी व्यक्ति की अपनी आवयश्कता रोटी, कपड़ा और मकान ही है लेकिन लोग रेस में भारतीय संस्कृति एवम संस्कारों की श्रेष्ठता के मूल्य को खो चुके हैं। लेकिन हम भारतीय हैं हमें इन मूल्यों को अपने जीवन में फिर से उतारना होगा। मुख्य अतिथि एस के तोमर ने कहा कि जब हम अपने मन को शांत करना सीख लेते हैं तभी हम शिक्षित हो जाते हैं। प्रकाश मिश्रा ने भी भारतीयों जीवन मूल्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षा महाविद्यालय की कार्यकारी प्राचार्य डॉ सविता भगत ने अपने उद्बोधन में कहा कि योग भारतीय संस्कृति की विश्व को देन है योग साधक ही अनुशासन में रह सकता है ओर जो अनुशासन में रहना सीख गया उसका जीवन सफल है। पंच तत्वों से बना यह शरीर पंचतत्वों में ही विलीन हो जाता है और भारतीय संस्कृति में इन पांच तत्वों की पूजा की जाती है।डॉ रणदीप सिंह ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ अमित शर्मा ने किया। अंत में राष्ट्रीय गान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।