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Faridabad NCR

डीएवी शताब्दी कॉलेज फरीदाबाद में नई शिक्षा नीति 2020 पर राष्ट्रीय स्तर वेबीनार का आयोजन

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj :
हाल ही में घोषित नई शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में शैक्षिक नेतृत्व की भूमिका पर परिचर्चा करने हेतु डीएवी शताब्दी कॉलेज फरीदाबाद में राष्ट्रीय स्तर पर वेबिनार  का आयोजन किया गया। इस वेबीनार का आयोजन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ज़ूम के माध्यम से किया गया। बतौर मुख्य अतिथि के रुप में हरियाणा स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल के चेयरमैन प्रोफेसर बीके कुठियाला उपस्थित रहे। प्रोफेसर आर एस बावा  प्रो-चांसलर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली ने की-नोट स्पीकर की भूमिका निभाते हुए वेबीनार में नई शिक्षा नीति में एकेडमिक लीडर की कार्य शैली एवं उनके कर्तव्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय खानपुर कलां सोनीपत  के वाइस चांसलर प्रोफेसर सुषमा यादव और जेसी बोस यूनिवर्सिटी आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी फरीदाबाद के डीन अकैडमीक अफेयर्स डॉ  विकास कुमार बतौर मुख्य वक्ता इस राष्ट्रीय वेबीनार में उपस्थित रहे। सर्वप्रथम डीएवी शताब्दी कॉलेज की कार्यवाहक प्राचार्या डॉ सविता भगत ने मुख्य अतिथि का परिचय देते हुए  सभी गणमान्य वक्ताओं का अभिनन्दन किया। उन्होंने वेबीनार की थीम पर प्रकाश डालते हुए नई शिक्षा नीति 2020 के सफल क्रियान्वयन में एकेडमिक लीडर को 4 C कॉन्सियसनेस, कंसर्न, कमिटमेंट और कॉन्फिडेंस पर अमल करते हुए अपने कर्तव्यों को पूरा करने की ओर अग्रसर होने का आह्वान किया। वेबीनार के मुख्य अतिथि प्रोफेसर बीके कुठियाला ने नई शिक्षा नीति की संरचना से अधिक उनके क्रियान्वयन को महत्वपूर्ण बताते हुए लीडरशिप के 4 लेयर थॉट लीडरशिप, प्लानिंग लीडरशिप, एक्सिक्यूशन लीडरशिप और प्यूपल हुड लीडरशिप  के बारे में विस्तार से जानकारी दी। की-नोट स्पीकर डॉ विकास कुमार ने नई शिक्षा नीति को उदारवादी शिक्षा नीति बताते हुए शिक्षण और अधिगम की नई तकनीक को विकसित करने को इस शिक्षा नीति का मुख्य ध्येय माना। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षण संस्थानों में उपस्थित योग्य एवं कर्मठ शिक्षक वर्ग की भूमिका नई शिक्षा नीति की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए नई शिक्षा नीति में मल्टीडिसीप्लिनरी शिक्षा के साथ-साथ शोध परक शिक्षा पर भी जोर दिया गया है। जिसके लिए एक योग्य एवं शिक्षित  शिक्षक के साथ-साथ शोधरत  शिक्षकों एवं विद्वानों कि नई भर्ती प्रक्रिया को जल्द प्रारंभ करने कि आवश्यकता है। मुख्य वक्ता प्रोफेसर आर एस बावा ने बड़ी गहराई से नई शिक्षा नीति 2020 का अध्ययन करते हुए इस नीति को गेम चेंजिंग पॉलिसी का दर्जा दिया। उन्होंने बतया कि इस नीति का  उदेश्य  विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें एक अच्छा इंसान और कुशल एवं बहुमुखी प्रतिभा का धनी बनाने में शैक्षिक संस्थानों एवं शिक्षक गणों की भूमिका को विस्तार प्रदान करना है। इस नीति के संदर्भ में शिक्षा प्रबंधकों की भूमिका को बहुत अधिक महत्वपूर्ण बताते हुए उन्हें अपनी प्रबंधन प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाने के साथ-साथ नई शिक्षण एवं प्रबंधन मॉडल और तकनीकी को विकसित करने पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने प्रबंधन को कम्प्रेहैन्सिव यूनिवर्सिटी  के मॉडल को तैयार करने के लिए इनोवेशन सेंटर, रिसर्च सेंटर और कॉम्पिटेटिव एग्जाम सेंटर बनाने पर जोर डाला ताकि विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ उध्यम एवं रोजगार भी प्रदान की जा सके  जिससे विद्यार्थी भी सामाजिक कर्तव्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके। प्रोफेसर बावा ने नई शिक्षा नीति को विद्यार्थियों के लिए बहुमुखी शिक्षा के साथ-साथ रोजगार एवं उद्यमिता पूर्ण शिक्षा के दरवाजे खोलने की पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान करने वाला बताते हुए इसे अभिभावकों के लिए भी उपयोगी बताया। इस वेबीनार की अध्यक्षता कॉलेज के फाउंडर टीचर डॉ डी वी सेठी  ने की। forइस अवसर पर उन्होंने सभी को सत्य और इमानदारी के साथ अपने शैक्षिक कर्तव्यों को पूरा करने का आग्रह किया। करीब 880 से अधिक प्रतिभागियों ने भारत के कोने-कोने से इस वेबिनार में भाग लिय। वेबिनार का संचालन डॉ अंकुर अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ डीपी वैद्य ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए  वेबीनार के समापन की औपचारिकता पूर्ण की। कार्यक्रम के सफलतापूर्वक संचालन में दिनेश चौधरी, डॉ प्रिया, प्रमोद कुमार और रितु सचदेवा की अहम भूमिका रही।

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