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मानव रचना में राष्ट्रीय मीडिया कॉन्क्लेव सम्पन्न, जी-20 में भारत की अध्यक्षता पर मीडिया जगत के विशेषज्ञों ने रखे विचार

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 20 अक्तूबर। मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च स्टडीज (एमआरआईआईआरएस) के स्कूल ऑफ मीडिया स्टडीज एंड ह्यूमैनिटीज की ओर से राष्ट्रीय मीडिया कॉन्क्लेव-2023 का आयोजन हुआ। जी-20 में भारत की अध्यक्षता- सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजीकवरेज में मीडिया की भूमिका और चुनौतियांविषय पर आयोजित हुए इस कार्यक्रम में मीडिया उद्योग से आए सम्मानित अतिथियों ने विचार साझा किए। कार्यक्रम का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे आईएफएस अधिकारी श्री मुक्तेश कुमार परदेशी, सचिव विदेश मंत्रालय (सीपीवी एंड ओआईए) व जी-20 ने डीजी एमआरईआई डॉ. एनसी वाधवा, जीवन आशा अस्पताल के मुख्य ट्रस्टी श्री संजय जैन, मीडिया विभाग की डीन डॉ. मैथिली गंजू, प्रोफेसर व एचओडी डॉ. किरन बाला की उपस्थिति में दीप जलाकर किया।

इस मीडिया कॉन्क्लेव का उद्देश्य भारत की जी-20 अध्यक्षता के संदर्भ में मीडिया के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना और एसडीजी जैसे अहम मुद्दों के विषय में जागरूकता बढ़ाना रहा। सम्मेलन की मेजबानी वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया विभाग के प्रोफेसर कुमार राजेश ने की। कुल तीन सत्रों में मीडिया जगत से आए विशेषज्ञों ने विचार साझा किए। डॉ. एनसी वाधवा ने संबोधन में कहा कि मीडिया लोगों को संवेदनशील बनाने और किसी भी मुद्दे पर जागरूक करने का महत्वपूर्ण जरिया है और जी-20 में ये जिम्मेदारी बढ़ जाती है।

मुख्य अतिथि श्री मुक्तेश कुमार परदेशी ने विषय पर विस्तृत चर्चा करते हुए इसकी शुरुआती रूपरेखा, योजना, और क्रियान्वयन से लेकर सफलता तक की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि जी-20 को लेकर 60 स्थानों पर 200 से ज्यादा बैठकों का दौर चला और इसके सफल संचालन ने विदेशी मेहमानों का दिल जीत लिया। उन्होंने बताया कि जी-20 के सफल आयोजन के पीछे दूरदर्शी दृष्टिकोण, प्रभावी रूपरेखा, संगठनात्मक प्रयोग, बेहतरीन संचालन, एकीकृत सिद्धांत, सामूहिक समावेशन, सहयोगात्मक प्रयास जैसे सात प्रमुख कारण शामिल रहे।

भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के सीएमडी और एडिटर-इन-चीफ श्री उपेंद्र राय ने जी-20 में मीडिया कवरेज के दौरान पैदा हुई कई चुनौतियों और मीडिया भागीदारों के उससे निपटने पर विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि समय और तकनीक के साथ विकास तेजी से हुआ है, ऐसे में मीडिया की जिम्मेदारी बढ़ी है। इसलिए बेहद आवश्यक है कि  मीडिया एसडीजी को लेकर समाज में जागरूकता लाने के लिए काम करे।

उप कुलपति एमआरआईआईआरएस डॉ. संजय श्रीवास्तव ने दूसरे सत्र की शुरुआत करते हुए कहा कि जी-20 में भारत की मेजबानी ने विश्व पटल पर देश का नाम गौरवान्वित किया है, इसमें मीडिया का रोल अहम है। अमर उजाला में कंसल्टिंग एडिटर श्री विनोद अग्निहोत्री ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की रिपोर्टिंग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये मीडिया की जिम्मेदारी है कि वह लोगों को इन लक्ष्यों के महत्व के बारे में बताए। पीटीआई के पूर्व संपादक राजेश महापात्रा ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन और एसडीजी पर हमारा कवरेज उच्च गुणवत्ता का होना चाहिए, जिससे आम जनता की जानकारी बढ़ सके। एबीपी नेटवर्क के सीईओ श्री अविनाश पांडे ने कहा कि एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए चुनौतियों का समाधान करना जरूरी है।

अंतिम सत्र में डॉ. बिजयलक्ष्मी नंदा ने लैंगिक समानता, लड़कियों की शिक्षा, स्कूलों में नामांकन दर और लड़कियों के लिए आर्थिक अवसरों पर जोर दिया। इनके बाद विकल्प कानपुर के सह संस्थापक अनंत चतुर्वेदी, एनआईईपीए की प्रोफेसर डॉ मनीषा प्रियम, एंटरप्रेन्योर और इनोवेटर डॉ विवेक उम्मत, भारत एक्सप्रेस डिजिटल के ग्रुप एडिटर डॉ. प्रवीण तिवारी ने भी विषय पर विचार रखे।

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