Faridabad NCR
राष्ट्रीय शिल्पकार अवॉडी महावीर सिंह सैनी पीतल पर नक्काशी कला को दे रहे हैं बढ़ावा
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 11 फरवरी। 37वें सूरजकुंड अंतरराष्टï्रीय शिल्प मेला में देश-विदेश के शिल्पकार अपनी सर्वश्रेष्ठï कृतियों की ओर पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। मुरादाबाद के राष्टï्रीय शिल्पकार पुरस्कार से सम्मानित महावीर सिंह सैनी पीतल पर नक्काशी की कला को प्रसिद्धि दिलाने में निरंतर प्रयासरत हैं। उन्हें वर्ष 2017 के लिए राष्टï्रीय शिल्पकार अवॉर्ड प्रदान किया गया है। वर्तमान में पीतल धातु महंगी होने की वजह से आज कल उन्होंने कांसे पर नक्काशी करना शुरू किया है।
महावीर सिंह सैनी मेला परिसर में स्टॉल संख्या-1240 पर पीतल पर नक्काशी की कृतियों को प्रदर्शित कर रहे हैं। उन्होंने हाई स्कूल में पढाई के दौरान ही 1988 में पडोस में पीतल पर नक्काशी की कला को अपनाने की प्रेरणा ली। माता-पिता ने भी उन्हें इस कला को अपनाकर आत्मनिर्भर होने के लिए प्रोत्साहित किया। आज वे 15 सदस्यों के साथ पूजा हैंडीक्राफ्ट्स समूह के माध्यम से पीतल पर नक्काशी की कला को आगे बढा रहे हैं। इस स्टॉल पर 100 रुपए से 45 हजार रुपए तक की पीतल पर नक्काशी की कृतियां उपलब्ध हैं। उन्होंने 55 हजार रुपए की पीतल पर नक्काशी की जिराफ सैट की कृति को मेले के दौरान पर्यटकों को बिक्री किया है।
शिल्पकार महावीर सिंह सैनी का कहना है कि पीतल पर नक्काशी का कार्य इतना आसान नहीं है। धातु को गलाने, मॉल्डिंग और बफिंग की प्रक्रिया के दौरान हानिकारक धुंआ व डस्ट उडती है, जिससे कैंसर बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है। इसके दृष्टिïगत वर्तमान में धातु गलाने व बफिंग के कार्य में मशीन का प्रयोग भी शुरू हुआ है।