Faridabad NCR
शुरू हुई नवरात्रों की धूम, प्रथम नवरात्रि पर वैष्णो देवी मंदिर में मां शैलपुत्री की भव्य पूजा

Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : नवरात्रों के प्रथम दिन महारानी वैष्णो देवी मंदिर में प्रथम देवी मां शैलपुत्री की भव्य पूजा अर्चना की गई. इस शुभ अवसर पर मंदिर में सुबह से ही भक्तों का ताँता लगा आरंभ हो गया. श्रद्धालुओं ने मां शैलपुत्री की भव्य पूजा अर्चना कर हवन यज्ञ में अपनी आहुति डाली. मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने श्रद्धालुओं को नवरात्रों की बधाई दी. मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना करने और माता के दरबार में अपनी हाजिरी लगाने के लिए स्थानीय भाजपा विधायक धनेश अदलखा विशेष रूप से पहुंचे. मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने विधायक धनेश अदलखा को माता की चुनरी और प्रसाद भेंट किया. विधायक ने कहा कि वह धन्य है कि माता रानी के दरबार में हाजिरी लगाने का उन्हें अवसर प्राप्त हुआ है. वह मां शैलपुत्री से देश में अमन चैन और शांति की प्रार्थना करने के लिए हाजिर हुए हैं. विधायक धनेश अदलखा ने माता रानी का प्रसाद ग्रहण किया और सभी श्रद्धालुओं को नवरात्रों की शुभकामनाएं दी. इस अवसर पर विमल पुरी, रमेश सहगल, विनोद पांडे, पार्षद हरिकृष्ण गिरोटी, प्रदीप झाम फकीरचंद कथूरिया और प्रीतम धमीजा मुख्य रूप से उपस्थित थे. इन सभी ने भी माता के दरबार में अपनी हाजिरी लगाई. इस धार्मिक आयोजन पर मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने श्रद्धालुओं को बताया कि नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। शैलीपुत्री हिमालय की पुत्री हैं। इसी वजह से मां के इस स्वरूप को शैलपुत्री कहा जाता है। इनकी आराधना से हम सभी मनोवांछित फल प्राप्त कर सकते हैं। मां शैलपुत्री का प्रसन्न करने के लिए यह ध्यान मंत्र जपना चाहिए। इसके प्रभाव से माता जल्दी ही प्रसन्न होती हैं और भक्त की सभी कामनाएं पूर्ण करती हैं।शैलपुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशूल है और बाएं हाथ में कमल पुष्प सुशोभित है। यही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा है। नवरात्रि के प्रथम दिन देवी उपासना के अंतर्गत शैलपुत्री का पूजन करना चाहिए। श्री भाटिया ने बताया कि नवरात्रों के अवसर पर मंदिर के कपाट 24 घंटे श्रद्धालुओं के लिए खुले रहेंगे. मंदिर को विशेष रूप से लाइटों और फूलों से सजाया गया है. हर रोज मंदिर में प्रसाद का वितरण भी किया जाता है. उन्होंने कहा कि जो भी भक्त सच्चे मन से नवरात्रों में पूजा अर्चना करके माता के समक्ष अपनी अरदास लगता है वह अवश्य पूर्ण होती है.