Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद छात्र नेता आदित्य मौर्य ने भारत सरकार द्वारा जारी नई शिक्षा नीति का स्वागत करते हुए भविष्य के आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना की।
उन्होंने नई शिक्षा नीति की जानकारी देते हुए बताया कि नई शिक्षा नीति से शिक्षा में समय की लागत और बस्ते का वजन दोनों कम होंगे।
नई शिक्षा नीति में कॉलेज की डिग्री तीन और चार साल की होगी , यानि कि ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी और हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को चार साल की डिग्री करनी होगी , चार साल की डिग्री करने वाले स्टूडेंट्स एक साल में एमए भी कर सकेंगे और एमए के बाद सीधे पीएचडी कर सकेंगे। साथ ही बिना समय खराब किए निश्चिच अंतराल अवधि में दुसरा कोर्ष भी छात्र कर पाएंगे।
आदित्य मौर्य ने कहा कि नई शिक्षा नीति तैयार करने के लिए लगभग ढा़ई लाख ग्राम पंचायतों की सलाह शामिल की गई है, जिससे स्थानिय क्षेत्रों का महत्व बढा़ है। आदित्य मौर्य ने बताया कि नए सुधारों में टेक्नॉलॉजी और ऑनलाइन एजुकेशन पर जोर दिया गया है, उच्चतम शिक्षा विभाग में भी कई सुधार किए गए हैं जिन सुधारों में ग्रेडेड अकेडमिक, ऐडमिनिस्ट्रेटिव और फाइनेंशियल ऑटोनॉमी आदि शामिल हैं, इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्स शुरू किए जाएंगे और वर्चुअल लैब बनाई जाएंगी।
उन्होने कहा कि बाल्यकाल से ही युवाओं को मातृ भाषा में शिक्षा मिलने से देश के प्रति सम्मान बढे़गा और आने वाली शिक्षा नीति में सरकारी, निजी व सभी क्षेत्र के संस्थानों के लिए एक नियम बनाते हुए टेक्नोलोजी और ओनलाईन शिक्षा पर विशेष ध्यान रखा गया है।