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Faridabad NCR

गुरुकुल इन्द्रप्रस्थ आश्रम फरीदाबाद में नेता जी सुभाष चन्द्र बोस रहे थे 8 दिन भूमिगत : गोपाल शर्मा

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 5 जनवरी। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य पर शहीद स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान से सिंचित काला पानी से आई पवित्र मिटटी को नमन कर आज भाजपा फ़रीदाबाद जिला  अध्यक्ष गोपाल शर्मा के नेतृत्व में जिला पदाधिकारियों का एक दल फरीदाबाद के गुरुकुल स्थिल इन्द्रप्रस्थ आश्रम गया और गुरुकल में आचार्य ऋषिपाल जी और आचार्य सत्यप्रिय जी के सानिध्य में वैदिक मंत्रोचार के साथ हवन किया। गुरुकुल यात्रा के दौरान उन्होंने वहां स्थित संग्राहलय और उन सभी पवित्र स्थलों को देखा जहाँ पर आजादी के आन्दोलन की गतिविधियाँ संचालित होती थी। आश्रम स्थित उस कोठरी को भी नमन किया जहाँ पर नेता जी सुभाष चन्द्र बोस 8 दिनों तक भूमिगत रहे थे। भाजपा कार्यकर्ताओं ने आजादी की लड़ाई में अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले सभी स्वतंत्रता सेनानियों को स्मरण कर उन्हें नमन किया और अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में देश के उन सभी वीर शहीद स्वत्रंता सेनानियों को स्मरण किया जा रहा है जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपना बहुमूल्य योगदान दिया। अभी कुछ दिन पहले भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ के नेतृत्व में प्रदेश के 130 नेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल पोर्ट ब्लेयर (काला पानी) की यात्रा पर गया और प्रसिद्ध सेलूलर और वाइपर जेल में जाकर आज़ादी की लड़ाई में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों को नमन कर वहां की पवित्र मिटटी  लेकर आया। इसी कड़ी में जिले के पदाधिकारियों का दल फरीदाबाद के गुरुकुल स्थित पवित्र इन्द्रप्रस्थ आश्रम में गया जो असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों की शरण स्थली रहा है। गोपाल शर्मा ने कहा कि आचार्य ऋषिपाल और आचार्य सत्यप्रिय जी ने बताया कि गुरुकुल इंद्रप्रस्थ की स्थापना वर्ष 1916 में स्वामी श्रद्धानंद ने की थी गुरुकुल इन्द्रप्रस्थ आश्रम सुभाषचन्द्र बोस, चन्द्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, सरदार भगत सिंह, अशफाक उल्ला खान आदि की शरणस्थली रहा है और शहीदों की गतिविधियों का प्रमुख केंद्र था। अरावली की पहाड़ी के बीच में होने से अंग्रेजों का इस ओर ध्यान नहीं रहता था, इसलिए इसी आश्रम में आजादी को लेकर आंदोलन की योजनाएं बनाई जाती थी। आजादी के आंदोलन के दौरान यहां महात्मा गांधी, लाला लाजपत राय और जय प्रकाश नारायण भी आते जाते रहते थे। सुभाष चंद्र बोस ने यहां भूमिगत होकर 8 दिन बिताए थे। आज भी वह कोठरी मौजूद है। जहां सुभाष चंद्र बोस ठहरे थे। आजादी मिलने के बाद इस हॉल को शहीद स्मृति संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है। आजादी की अमूल्य धरोहर के रूप में गुरुकुल का यह आश्रम एक पवित्र स्थल है। मौजूदा समय में वैदिक रीति से छात्रों की पढ़ाई आदि की व्यवस्था है। नेता जी व अन्य शहीदों ने देश के लिए जो कुर्बानी दी है, उसे ध्यान में रखते हुए बच्चों को यहां राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ाया जाता है। योग की नियमित कक्षाएं चलती हैं। पर्यावरण संरक्षण के तहत रोजाना हवन किया जाता है। गोपाल शर्मा ने कहा ऐसे पवित्र स्थल को हम नमन करते हैं उन सभी शहीदों को नमन करते हैं जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। भारतीय जनता पार्टी द्वारा मां भारती के वीर सपूत व स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में फरीदाबाद के हर मंडल में मनाई जाएगी और विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगें। इस अवसर पर गुरुकुल शिष्य व उत्तराखंड प्रकोष्ठ कार्यकारिणी सदस्य मनोज डंगवाल, जिला उपाध्यक्ष अनिल नागर, पंकज पूजन रामपाल, वरिष्ठ भाजपा नेता वजीर सिंह डागर, राज कुमार वोहरा, जिला सचिव भारती भाकुनी, सुनीता बघेल, हरेन्द्र भडाना, पुनीता झा, मुकेश अग्रवाल, जिला मीडिया प्रभारी विनोद गुप्ता, सोशल मीडिया संयोजक अमित मिश्रा मोर्चो के जिला अध्यक्ष सुखबीर मलेरना, पंकज सिंगला, नरेश नम्बरदार, लाजर रंजीत सेन, भगवान सिंह, जिला प्रशिक्षण प्रमुख प्रवीण चौधरी, मनोज वशिष्ठ कार्यालय  सचिव सचिन गुप्ता, सोशल मीडिया सह संयोजक प्रिया सहगल, सचेत जैन, मेवला मंडल अध्यक्ष हरीश खटाना व उत्तराखंड प्रकोष्ठ आईटी जिला संयोजक मनीष डंगवाल आदि कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे।

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